बंगाल वनडे टीम के कप्तान मनोज तिवारी ने विजय हजारे टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में झारखंड को 41 रन से हराने के बाद इस बात का खुलासा किया कि टीम मेंटॉर सौरव गांगुली से मिल कर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को रोकने के लिए कैसी रणनीति बनाई थी।
बंगाल ने पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलेने का बाद पचास ओवर में 329 रनों का विशाल स्कोर बनाया जिसके जवाब में झारखंड की टीम सभी विकेट खोकर 288 रन ही बना सकी। झारखंड की ओर से धोनी ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए 62 गेंद में 70 रन बनाए।
मैच के बाद तिवारी ने कहा, ‘‘दादा (गांगुली) ने हमें बताया कि धोनी बहुत मजबूत है इसलिये हमें उन्हें ज्यादा से ज्यादा ऑफ स्टंप से बाहर गेंदबाजी करनी चाहिए। उनकी पारी के दौरान गेंद नीची होनी शुरू हो गयी थी इसलिये मैंने अपने गेंदबाजों को थोड़ी सीधी गेंद डालने के लिये कहा। एक बार उन्होंने आमिर गनी को दो छक्के जड़ दिये तो मैंने उन्हें ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी करने के लिये कहा। ’’
वहीं दूसरी तरफ मैच हारने के बाद धोनी थोड़े असहज दिखे टीम के साथ नहीं गए। खबरों की मानें तो मैच खत्म होने के बाद धोनी मैच के बाद कार से अलग से रवाना हुए। झारखंड की टीम के बाकी खिलाड़ी टीम की बस से गए।
हालांकि धोनी अभी तक टीम के साथ ही टीम बस में ही यात्रा कर रहे थे और टीम के होटल में ठहरे हुए थे। यहां तक कि वह कोलकाता भी ट्रेन से ही गये थे।