श्रीलंका के खिलाफ गॉल में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारत की तरफ से शिखर धवन ने 168 गेंदों पर 190 रनों की लाजवाब पारी खेलकर टेस्ट क्रिकेट में शानदार वापसी की। अंतिम समय में श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया में शामिल किए गए धवन ने मिले मौक़े को दोनों हाथों से भुनाया। चैंपियंस ट्रॉफी की अपनी शानदार फॉर्म को इस बल्लेबाज़ ने क्रिकेट के लंबे प्रारूप में भी बरक़रार रखा और एक ऐसी पारी खेली जिसकी दरकार उनको लंबे समय से थी। गौरतलब है कि मुरली विजय के चोटिल होने की सूरत में धवन को आख़िरी समय में श्रीलंका दौरे की टेस्ट टीम में जगह मिली। जब उन्हें टेस्ट टीम में शामिल किया गया तो धवन अपने परिवार के साथ हांगकांग में छुट्टियां मना रहे थे और वहां से वो मेलबर्न जाने की तैयारी कर रहे थे। इस बात का खुलासा खुद धवन ने अपनी शतकीय पारी के बाद किया।
इस बाबत धवन ने कहा “मैं हांगकांग में था और अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने मेलबर्न जाने की सोच रहा था। जैसे ही मुझे फोन आया कि मुझे टेस्ट टीम में शामिल किया गया है वैसे ही मैं भारत आ गया और टीम के साथ जुड़ गया।” धवन ने आगे कहा, “टेस्ट टीम में वापसी करके काफी खुश हूं। विजय फिट नहीं थे और उनकी जगह मुझे खेलने का मौका मिला। मैंने चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार खेल दिखाया था और उसे मैंने टेस्ट में भी जारी रखा।”
बात करते हुए धवन ने यह भी बताया कि टेस्ट टीम से जब वो बाहर हुए थे तो उन्हें काफी निराशा हुई थी। इस बारे में उन्होंने कहा “टेस्ट मैं रन नहीं बना पा रहा था और मुझे मालूम था कि अगर अगले कुछ मैचों में मैंने रन नहीं किए तो मैं बाहर किया जा सकता है। निश्चित रूप से टीम से बाहर होने का दबाव मुझ पर था और जब मैं टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया तो मुझे बहुत निराशा हुई। मैं टेस्ट टीम में बने रहना चाहता था।”
धवन ने आगे कहा, “बाहर होने के बाद मैंने घरेलू मैचों में ध्यान लगाया और दिल्ली की तरफ से खेलते हुए मैंने अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान दिया। मेरे अंदर एक चीज है कि मैं किसी भी चीज का ज्यादा दिनों तक गम नहीं मनाता। मुझे पता था कि इस तरह निराश होने से कुछ नहीं होगा, मुझे अपने खेल पर ध्यान देने की जरूरत है।”