टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन के बल्ले से इन दिनों रनों की बरसात हो रही है। चैंपियंस ट्रॉफी में अपने शानदार प्रदर्शन के बलबूते इस खिलाड़ी ने अपनी बल्लेबाज़ी का लोहा मनवाया। इसके साथ ही वेस्टइंडीज दौरे पर भी धवन अपनी शानदार फॉर्म को ज़ारी रखे हुए हैं। हाल ही में धवन ने अपने टेस्ट डेब्यू मैच की याद को ताज़ा करते हुए इस बात का खुलासा किया है कि वो ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अपने टेस्ट डेब्यू के दौरान काफी घबराए हुए थे। इस बाबत धवन ने कहा “ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब मैं अपने डेब्यू के दौरान बल्लेबाजी के लिए उतरा तो मैं घबराया हुआ था। मैं शांति से बल्लेबाजी करना चाहता था, लेकिन मेरे बल्ले से चौके निकल रहे थे। मैं समझ गया था कि मेरा शरीर डिफेंसिव खेलने के लिए मेरा साथ नहीं दे रहा था।”
धवन ने आगे कहा, ”मैंने फिर आक्रामक क्रिकेट खेलने की सोची और मैंने विश्व रिुकॉर्ड बना दिया।” धवन से पूछा गया कि क्या ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने उनके साथ स्लेजिंग की थी? तो उन्होंने कहा “मुझे उस दिन ऐसी किसी घटना के बारे में याद नहीं है। मैं अपनी क्रिकेट खेल रहा था, लेकिन हम जानते थे कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्लेजिंग के लिए मशहूर हैं। मैंने जब कवर ड्राइव खेला तो माइकल क्लार्क ने गेंद को रोक लिया और काफी तेजी से उन्होंने विकेटकीपर को गेंद वापस की। इसके बाद मैंने फिर से वही शॉट खेला और इस बार क्लार्क गेंद को रोक नहीं पाए।”
शेन वॉटसन के साथ किस्से को याद करते हुए धवन ने कहा “ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हम मैच खेल रहे थे। वॉटसन गेंदबाजी करा रहे थे। वॉटसन की एक गेंद मेरी कमर में लगी। इस पर वो मेरे पाए आए और उन्होंने मुझसे कहा, कि दर्द का मजा आया। मुझे उसका बुरा लगा। उसके बाद जब भी मैं मैदान पर आता तो मैं ऐसा कुछ कहता जिससे उन्हें बुरा लगता लेकिन मेरा मानना है कि क्रिकेट के खेल में सब कुछ जायज है।”