क्रिकेट के खेल में असंभव जैसे शब्द के कोई मायने नहीं और जब कोई कमज़ोर आंके जाने वाली टीम बड़ा उलटफेर करती है तो यह वाकई अद्भुत नज़ारा होता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब जिम्बाब्वे ने श्रीलंका को उसी की सरजमीं पर 300 रन से अधिक के स्कोर को सफलतापूर्वक चेज करते हुए 6 विकेट की जीत हासिल की। सोलोमन मिरे के करियर के पहले शतक तथा सिकंदर रजा और सीन विलियम्स की अर्द्धशतकीय पारियों की मदद से जिम्बाब्वे ने श्रीलंका में उसके खिलाफ उसके घर में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड कायम किया।
मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए श्रीलंका ने निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट खोकर 316 रन बनाए। टीम की ओर से कुसाल मेंडिस (86 ), उपुल थरंगा नाबाद (79 ), धनुष्का गुणतिलके (60) और कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (43) की उपयोगी पारियों से टीम ने विशाल स्कोर खड़ा किया। इतने बड़े स्कोर के बाद श्रीलंका की जीत लगभग तय मानी जा रही थी।
लेकिन जिम्बाब्वे ने हैरतअंगेज़ प्रदर्शन करते हुए श्रीलंका पर रिकॉर्ड जीत कायम की। सोलोमन मिरे (112) के शतक के दम पर जिम्बाब्वे ने 14 गेंद शेष रहते ही लक्ष्य को हासिल कर लिया। मिरे के अलावा सीन विलियिम्स (65) तथा सिकंदर रजा (67) ने टीम को यादगार जीत दिलाई। टीम ने 47.4 ओवर में चार विकेट पर 322 रन बनाकर श्रीलंका में अपनी पहली जीत दर्ज की। जिम्बाब्वे इससे श्रीलंकाई सरजमीं पर 300 रन से अधिक लक्ष्य हासिल करने वाली पहली टीम भी बन गयी। जिम्बाब्वे ने इस तरह से पांच मैचों की श्रृंखला में शुरूआती बढ़त भी हासिल की।
जिम्बाब्वे की शुरूआत अच्छी नहीं रही और उसने दो विकेट 46 रन पर गंवा दिये। इसके बाद मिरे और विलियम्स ने तीसरे विकेट के लिए 161 रन की साझेदारी की। इन दोनों के 13 रन के अंदर आउट होने के बाद रजा और वालेर ने अच्छी तरह से जिम्मेदारी संभाली और पांचवें विकेट के लिए 102 रन की अटूट साझेदारी करके टीम का नाम रिकॉर्ड बुक में लिखवाया। रजा ने छक्का जड़कर टीम को जीत दिलायी।
मिरे को उनकी शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने अपनी 96 गेंद की पारी 14 चौके लगाए। विलियम्स ने सात चौके जबकि रजा ने सात चौके और एक छक्का लगाया।
दोनों टीमों के बीच अगला मुकाबला रविवार को खेला जाएगा।