अक्सर विशाल समुद्र को देखकर हम सब के जेहन में अमूमन एक सवाल उठता है कि इसके अंदर जीवन किस तरह का होगा। दिल में जिज्ञासा तो रहती ही है। कई बार आपने स्कूबा डाइविंग नामक अनोखी चीज के बारे में सुना तो होगा। इसी तरह स्कूबा साइकिलिंग भी होती है। जैसा की इस शब्द को सुन कर ही यह जान पड़ता है कि समुद्र की गहराई में जाकर साइकिल चलाना ही होगा। जी हाँ, आप का आकलन बिलकुल सही है। पानी के अंदर भी साइकिल चलाई जाती हैं और इसमें कीर्तिमान भी बनाए जाते हैं।

Picture Source :- Facebook/Nishant Patel
आपकी जानकारी के लिए बता दें भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के विलेपार्ले में रहने वाले निशांत पटेल ने स्कूबा साइकिलिंग में अपना एक ख़ास मुकाम बनाया है। निशांत पहले ऐसे एशियाई और भारतीय हैं जिन्होंने स्कूबा साइकिलिंग में दो रिकॉर्ड बनाए हैं। उन्होंने सबसे गहरी और सबसे तेज़ स्कूबा साइकिलिंग करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। बात करें उनके रिकॉर्ड की तो उन्होंने समुद्र के अंदर 32.7 मीटर यानी तकरीबन 107 फीट भीतर में स्कूबा साइकिलिंग करते हुए महज 6 मिनट 47 सेकंड में 100 मीटर की दूरी तय की है। उनकी टीम में शामिल लोगों को यह यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि एक अनुमान के मुताबिक 18 मिनट लगने वाले इस कारनामे को निशांत ने कैसे आधे से ज्यादा समय रहते कर लिया।

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अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ़ इंडिया से हुई बातचीत में उन्होंने अपनी इस उपलब्धि से पर्दा उठाते हुए कहा कि “यह करना कठिन नहीं था। मेरा मानना है कि आप में सफल होने की इच्छा विफलता के डर से अधिक होनी चाहिए। तो ही आप कुछ पा सकते हैं”। पेशेवर साइकिल रेसिंग विशेषज्ञ निशांत कहते हैं कि “मैंने भारत में विभिन्न साइकिलिंग आयोजनों में भाग लिया है, जिसमें मनाली से खारदुंग-ला तक और नीलगिरी की भीषण यात्रा भी शामिल है।

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बात करें निशांत के बचपन की तो उन्हें बचपन से ही दो शौक थे। एक साइकिलिंग और दूसरा स्विमिंग का। खुले समुद्र में स्कूबा करने की सोच ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया। अक्सर वो ‘स्कूबा साइकिलिंग’ के माध्यम से समुद्र की गहराई को जीतने के बारे में सोचा करते थे। अपने इस शौक के बारे में उनका कहना है कि “मुझे हमेशा लगता था कि मैं अपने आप को इसके लिए चैलेंज करूँ। वैसे तो मैं कोई प्रोफेशनल स्विमर तो था नहीं लेकिन इसे करने की इच्छा रखता जरुर था। इस बारे में काफ़ी कुछ पढ़ रखा था।” 37 वर्षीय निशांत रोज़ाना मुंबई की सड़कों पर साइकिल चलाते हैं। निशांत अपनी इस उपलब्धि पर कहते हैं कि “आगे बढ़ने के लिए सिर्फ प्रयास की जरूरत होती है। आप जिस भी काम को करना चाहते हैं उसे करने के लिए आपके अंदर जुनून होना चाहिए।”