भारतीय फुटबॉल टीम ने पिछले 3 सालों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिसका पूरा श्रेय टीम के खिलाड़ियों के साथ-साथ कोच स्टीफन कॉन्स्टेंटिन को भी जाता है। स्टीफन कॉन्स्टेंटिन की कोचिंग में भारतीय टीम ने फीफा रैंकिंग में जबरदस्त सुधार किया हैं। आपको बता दें कि दिसंबर 2014 में भारत फीफा रैंकिंग में 171वें नंबर पर था लेकिन पिछले 3 सालों में भारत शानदार प्रदर्शन करते हुए टॉप 100 में जगह बनाने में सफल रहा है। यही वजह है कि अखिल भारतीय फुटबॉल संघ ने स्टीफन कॉन्स्टेंटिन के करार को बढ़ाने का फैसला किया। इस करार के साथ ही कॉन्स्टेंटिन भारतीय फुटबॉल टीम के कोच पद पर सबसे लंबे समय तक बने रहने वाले विदेशी कोच बन गए। भारतीय टीम के कोच स्टीफन कॉन्स्टेंटिन आज अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं। ऐसे में हम आपको आज स्टीफन कॉन्स्टेंटिन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं, जो शायद ही आपका पतो हो……

स्टीफन कॉन्स्टेंटिन (Photo:Getty)
स्टीफन कॉन्स्टेंटिन एक प्रोफेशनल फुटबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। उनका जन्म 16 अक्टूबर को इंग्लैंड की राजधानी लंदन में हुआ था।
कॉन्स्टेंटिन अमेरिका में पेन्सिलवेनिया स्टोनर्स और न्यूयॉर्क पैन्सीप्रियन फ्रीडम्स की टीम की ओर से खेल चुके हैं। स्टीफन कॉन्स्टेंटिन का फुटबॉल करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका और 26 साल की उम्र में घुटने की चोट की वजह से प्रोफेशनल फुटबॉल को अलविदा कह दिया।

स्टीफन कॉन्स्टेंटिन (Photo:Getty)
रिटायरमेंट के बाद स्टीफन कॉन्स्टेंटिन ने कोचिंग में करियर बनाने का फैसला किया। कॉन्स्टेंटिन 1999 से 2001 के बीच नेपाल के कोच रहे। इसके अगले ही साल वह भारत के कोच बने और 2005 तक इस पद पर रहे।
भारतीय फुटबॉल टीम के कोच पद छोड़ने के बाद स्टीफन कॉन्स्टेंटिन ने 2005-06 सीजन के लिए इंग्लिश क्लब मिलवाल क्लब का कोच पद संभाला। इसके बाद वह 2007 से 2008 तक मलावी फुटबॉल टीम के कोच रहे। कुछ साल वह सूडान के भी कोच रहे।

स्टीफन कॉन्स्टेंटिन (Photo:Getty)
साल 2015 में स्टीफन कॉन्स्टेंटिन दूसरी बार भारतीय टीम के कोच बने। उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने फीफा रैंकिंग के साथ-साथ अपने खेल में काफी सुधार किया है।

फ्रॉम दिल्ली टू डेन
स्टीफन कॉन्स्टेंटिन ‘फ्रॉम दिल्ली टू डेन’ नाम से ऑटोबायोग्राफी लिख चुके हैं, जो फुटबॉल बुक ऑफ द ईयर 2018 के लिए नॉमिनेट हुई थी। इसी साल उन्हें स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड कोच आफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया।