भारत में फुटबॉल की दीवानगी पिछले तीन-चार साल में कुछ बढ़ी है। लेकिन अगर बात आज से करीब 10-15 साल पहले की करें तो ये क्रेज काफी कम था। लोग जब फुटबॉल को यूरोपीय गेम ही मानते थे, उस वक्त इंडियन फुटबॉल के ब्रांड एंबेस्डर बने बाइचुंग भूटिया।
15 दिसंबर 1976 को सिक्किम में जन्मे भूटिया ने 1993 में अपना फुटबॉल करियर सीनियर लेवल पर शुरू किया। ईस्ट बंगाल के लिए नौ अपीयरेंस में चार गोल करके भूटिया ने कई लोगों का ध्यान खींचा। ईस्ट बंगाल के साथ भूटिया का अनुभव अच्छा रहा। लेकिन भूटिया ने असली धमाका किया 1999 में इंग्लिश क्लव बरी के साथ करार करके। किसी यूरोपियन क्लब के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करने वाले भूटिया पहले इंडियन फुटबॉलर बने।
2002 में मोहन बागान के साथ जुड़े भूटिया ने यहां भी दमदार परफॉर्मेंस दी। अब तक लोग भूटिया के नाम को भी जान चुके थे। इंडियन फुटबॉल का चेहरा बने इस खिलाड़ी को अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री से भी नवाजा गया। भूटिया अब यंग प्लेयर्स के लिए मेंटर का रोल अदा कर रहे हैं। उम्मीद है कि इंडिया में फुटबॉल को आगे ले जाने मे बाइचुंग अहम साबित होंगे।