कश्मीर के फेमस फुटबॉल खिलाड़ी इश्फाक अहमद को उनके खेलों में योगदान के लिए पिछले साल दिसंबर में फिजिकल एजुकेशन टीचर की नौकरी दी गई थी। लेकिन नौकरी मिलने के 1 महीने बाद ही उन्होंने नौकरी छोड़ने की धमकी दे दी।
दरअसल, लगभग 14 सालों तक देश का फुटबॉल में प्रतिनिधित्व करने वाले इश्फाक को स्कूल में छात्रों को डांस और सिंगिंग सिखाने के लिए कहा गया था। उन्हें रिपब्लिक डे समारोह के लिए स्कूली छात्रों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तैयार करने के लिए कहा गया था। जिस पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। इस पर उनका कहना था कि यह तो ऐसा है जैसे कि एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर से साइकिल जोड़ने के लिए कहा जाए।
33 साल के इश्फाक के इस मामले को लेकर राज्य के खेल परिषद के सचिव हिलाल अहमद ने कहा था कि वे इस मामले में दखल देंगे और अहमद को ऐसी जगह लाएंगे जहां वह युवाओं को कोचिंग दे सकें। आपको बता दें वह जम्मू-कश्मीर के इकलौते खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 2003 में नेशनल प्लेयर का खिताब जीता है।
अहमद भारत के लिए साल 2004 से प्री-ओलिंपिक और वर्ल्ड कप के क्वॉलिफाइंग मैचों में खेल रहे हैं। उनके डेब्यू गोल ने भारत को तुर्कमेनिस्तान पर जीत भी दिलाई थी। उन्होंने भारत के सबसे प्रतिष्ठित फुटबॉल क्लब मोहन बगान के लिए 4 साल कप्तानी की है। वह डेंपो, सलगांवकर, ईस्ट बंगाल और मोहम्मदान स्पोर्टिंग जैसे शीर्ष क्लब के लिए भी खेल चुके हैं। बोर्ड