यूरोप के कई देशों ने फुटबॉल विश्वकप में अच्छी सफलता का लुत्फ उठाया है। जिनमें से इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन ने खिताब अपने नाम किया है। जबकि चेकोस्लोवाकिया, हॉलैंड और हंगरी ने फाइनल का सफर भी तय किया है। लेकिन यूरोप महाद्वीप के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश ने न तो विश्वकप जीता है और न ही इसके फाइनल में जगह बनाई है।
सन् 1952 में यूएसएसआर ने पड़ोसी मुल्क फिनलैंड में हुए ओलंपिक में भाग लिया था। जिसके 4 साल बाद मेलबर्न में हुए इस प्रतियोगिता में यूगोस्लाविया को फाइनल में मात देकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस मैच में रूस के 26 वर्षीय लेव याशीन ने एक गोल किया जो निर्णायक साबित हुआ और रूस 1-0 से जीत गया। इस सफलता को देखते हुए यूएसएसआर के अधिकारियों ने टीम को 1958 के वर्ल्ड कप में भेजने का निर्णय लिया।
ओलंपिक जीत चुकी है गोल्ड
फुटबॉल विश्वकप सन् 1958 और 1962 में यूएसएसआर का प्रदर्शन अच्छा नहीं लेकिन प्रभावशाली रहा था। 1958 में टीम ने 5 मैचों से 2 में जीत, 1 ड्रॉ और 2 में हार का सामना किया था। टीम क्वार्टरफाइनल में पहुंची थी और 6ठे स्थान पर रही। वहीं 1962 में टीम की रैंक नहीं बदली थी, जबकि 4 मैचों में 2 में जीत, 1 में ड्रॉ और 1 में हार का सामना करना पड़ा था।
विश्वकप के पहले दो संस्करण में टीम ने किया प्रभावित
आज का रूस पूर्व में यूएसएसआर के नाम से जाना जाता था। लेकिन इस देश का रिकॉर्ड विश्व स्तरीय फुटबॉल पर शानदार नहीं रहा है, यहां तक की इस टीम ने सेमीफाइनल में भी जगह नहीं बनाई है। सन् 1960 में यूरोपियन चैंपियनशिप में अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया था, टीम ने 1960 में ट्रॉफी, जबकि 1964, 1972 और 1988 में टीम ने तीन बार फाइनल में जगह बनाई। यूएसएसआर से ज्यादा बार इस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली जर्मनी दूसरी टीम है।
रूस से पहले सोवियत संघ
फुटबॉल विश्वकप 1966 में यूएसएसआर ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, जहां टीम ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। ये वह दौर था, जब रूस की टीम में विश्वकप जीतने की पूरी क्षमता आंकी जा रही थी।
सन् 1917 में रूस की क्रांति के वक्त रूस ने ओलंपिक में खेलने से मना कर दिया था। जिसके बाद टीम ने पहले विश्वकप 1930 में भी भाग नहीं लिया था। यही नहीं रूस सन् 1954 तक हुए किसी भी फुटबॉल विश्वकप में भाग नहीं लिया था। क्योंकि इस दौरान दुनिया में दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था, इसके अलावा रूस में आंतरिक समस्याओं की वजह से भी खेलों से ये देश दूर रहा।
फुटबॉल में यूरोप की अच्छी टीम रही है रूस
रूस का विश्वकप में ये अबतक का शानदार प्रदर्शन रहा है। सन् 1966 के विश्वकप में सोवियत संघ ने सेमीफाइनल में जगह बनायी थी। जहां उसे वेस्ट जर्मनी से हार का सामना करना पड़ा था, जबकि तीसरे स्थान के लिए टीम पुर्तगाल से खेली थी, लेकिन उसे एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा था। जबकि टीम ने उस आयोजन में नार्थ कोरिया को 3-0 से मात देकर अपने सफर की बेहतरीन शुरूआत की थी। उसके बाद इटली को 1-0 और चिली को 2-1 से मात देकर टीम ने क्वार्टरफाइनल में जगह बनायी। जहां हंगरी को 2-1 से मात देकर रूस पहली बार फुटबॉल विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचा था।
फुटबॉल वर्ल्ड कप 1966 और यूएसएसआर
सन् 1966 के बाद अबतक का सफर निराशाजनक रहा है। टीम 1970 के विश्वकप में क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया। लेकिन उसके बाद ये टीम सन् 1974 और 1978 में क्वालिफाई तक नहीं कर पायी। वहीं टीम ने सन 1982 में इस सबसे बड़े फुटबॉल आयोजन में वापसी की, लेकिन टीम 7वें स्थान पर रही। उसके बाद से अबतक के सफर की बात करें तो 1986 में 10वां, 1990 में 17वां, 1994 में 18वां, 1998 में क्वालिफाई नहीं कर पायी, 2002 में 22वां, 2006, 2010 में क्वालिफाई नहीं कर पायी और 2014 में टीम 24वें स्थान पर रही।
1966 के बाद सिर्फ निराशा