2016 में रियो ओलंपिक में महिला वॉल्ट फाइनल के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट दीपा करमारकर आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। भारत के छोटे से राज्य ‘त्रिपुरा’ के अगरतला जिले से ताल्लुक रखने वाली दीपा उन लोगों के लिए के जीती जागती मिसाल है जो अच्छे मौके ना मिलने का बहाना दे कर अपने आप को कोसते हैं। फ्लैट फ़ीट की समस्या से पीड़ित दीपा ने 6 वर्ष की आयु से ही जिम्नास्टिक्स आरम्भ कर दिया था।
आपको जानकार हैरानी होगी, एक दौर वह भी था जब उनके पास ढंग के जूते भी नहीं हुआ करते थे। आज अपनी मेहनत और लगन के दम पर दीपा ने वह मुकाम हासिल कर लिया है जिसकी दरक़ार सभी को होती है। उनकी इस उपलब्धि से प्रेरित होकर “द स्मॉल वंडर” नामक किताब लिखी गयी जो उनकी जीवनी पर आधारित है। 2015 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित दीपा ने स्पोर्ट्सवाला से एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान अपनी फिटनेस और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर खुल कर बात की।
दीपा करमारकर की जीवनी, द स्मॉल वंडर का कवर

The cover of Dipa Karmakar’s biography, The Small Wonder
अपनी जीवनी पर लिखी किताब के बारे में दीपा खुश होकर कहती हैं कि यह किताब मेरे जीवन संघर्ष को दर्शाती है। यह किताब मेरे जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर प्रकाश डालती है। गौरतलब हो कि उनकी जीवन पर लिखी इस किताब का ज्यादातर लेखन वरिष्ठ पत्रकार दिग्विजय देव और विमल मोहन ने किया हैं। इस बाबत दीपा ने कहा “इस दौरान उन्होंने मेरे साथ गहन चर्चा की फिर कहीं जाकर इस किताब को लिखा गया।”
फिटनेस मंत्र
अपनी फ़िटनेस को लेकर सजग रहने वाली दीपा कहती हैं, “मेरे फिटनेस में शक्ति प्रशिक्षण, लचीलापन,अनुशासन और निरंतर व्यायाम का समावेश है जो एक जिमनास्टिक के लिए बेहद आवश्यक होता है। 2019 मेरे लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण वर्ष होने जा रहा है। मैं फरवरी 2019 के विश्व कप के लिए प्रशिक्षण ले रही हूं, इस प्रशिक्षण में बहुत अधिक स्ट्रेचिंग और मांसपेशियों की मालिश शामिल को तवज्जों देती हूँ।” अपनी फिटनेस के राज का खुलासा करते हुए वह कहती है कि, “मैं कार्डियो में 70-80 मीटर तक स्प्रिंट करती हूं ताकि मांसपेशियां लचीली और मजबूत रहें, इसके लिए कुछ हैमस्ट्रिंग का भी अभ्यास करती हूं।”
संतुलित आहार है बेहद जरुरी

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एक सफल जिमनास्ट को कठिन प्रैक्टिस और बेहद धीरज का सामना करना पड़ता है, ऐसे में जरुरी है कि वह संतुलित आहार ग्रहण करे। दीप अपने खान-पान को लेकर बेहद सजग रहती हैं। उनका मानना है कि संतुलित आहार ही अच्छे जिमनास्ट की सफलता की कुंजी है। जिम्नास्टिक एक ऐसा खेल है जिसमें गहन धैर्य की आवश्यकता होती है। अपने आप को फिट रखने के लिए संतुलित आहार का होना बेहद जरुरी है इसमें प्रोटीन और स्टार्च कार्बोहाइड्रेट का बहुत बड़ा योगदान होता है। किसी भी प्रतियोगिता में आक्रमक होने से बचने के लिए जरुरी है अपने आपको शांत रखा जाए, इस खेल में उत्तेजित होने से बचना चाहिए।
दूसरों को प्रेरणा देने का काम करती हूँ
स्पोर्ट्सवाला से बातचीत के दौरान दीपा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा, “रियो ओलंपिक में कई लोग मुझसे पूछते थे कि त्रिपुरा कहां है और आप इस मुकाम तक कैसे पहुंची ?” उन्होंने आगे कहा कि उस समय, “मैंने महसूस किया कि मेरी कहानी को लोगों को किसी भी खेल को खेलने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा जाना चाहिए, भले ही वे त्रिपुरा जैसे छोटे राज्य से से ही क्यों न हों”