ओडिशा में 28 नवंबर यानी आज से हॉकी वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है। ऐसे में ओडिशा में हजारों की तादाद में विदेशी सैलानियों के पहुंचने की संभावना है। इस हॉकी वर्ल्ड कप का आयोजन ओडिशा सरकार द्वारा किया जा रहा है। यही वजह है कि सरकार द्वारा वर्ल्ड कप और ओडिशा के पर्यटन स्थलों का काफी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
वैसे तो हर साल लाखों सैलानी ओडिशा घूमने के लिए आते हैं, लेकिन अगर आप वर्ल्ड कप के दौरान इस खूबसूरत स्टेट के घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इससे अच्छा मौका आपके लिए कोई हो ही नहीं सकता है।
दरअसल, वर्ल्ड कप के दौरान ओडिशा सरकार ने देशी और विदेशी सैलानियों के लिए ‘ओडिशा बाई डे एंड हॉकी बाई नाइट’ नाम से स्पेशल टूर पैकेज की व्यवस्था की हैं, जिससे आप ओडिशा की खास जगहों की सैर का आनंद ले सकते हैं।
इस टूर पैकेज के तहत टूरिस्ट दिन में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर की मशहूर जगहों की सैर कर सकते हैं, वहीं रात में हॉकी का लुत्फ उठा सकते हैं। आइये जानते हैं, हॉकी वर्ल्ड कप के दौरान आप भुवनेश्वर के आसपास किन-किन खास जगहों की सैर का आनंद ले सकते हैं।
ओडिशा के समुद्री तट
ओडिशा अपने शानदार और साफ-सुथरे समुद्री तटों के लिए जाना जाता है। ऐसे में अगर आप भी खूबसूरत और कम भीड-भाड़ वाले समुद्री तटों का आनंद लेना चाहते हैं तो आप ओडिशा के चांदीपुर, चंद्रभागा, कोणार्क-पुरी, गोपालपुर और बालासोर की सैर का प्लान बना सकते हैं। सूर्योदय और सूर्योस्त का नजारा यहां देखने लायक होता है। शाम के वक्त चहलकदमी करते आपको कई देशी-विदेशी सैलानी दिख जाएंगे।
कोणार्क सूर्य मंदिर
भुवनेश्व से 1.5 घंटे की दूरी पर है दुनिया का मशहूर टेंपल कोणार्क सूर्य मंदिर, जिसको देखने के लिए देश और विदेश से हजारों सैलानी हर साल ओडिशा आते हैं। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है।
जगन्नाथ मंदिर
अगर आप ओडिशा जाने की योजना बना रहे हैं तो पुरी का जगन्नाथ मंदिर आपको जरुर जाना चाहिए। भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान जगन्नाथ के इस प्रसिद्ध मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। यहां साल में एक बार भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा भी यहां धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। पुरी दुनियाभर के श्रद्धालुओं और सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है।
चिल्का झील
चिल्का झील भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री झीलों में से एक है। चिल्का मात्र एक झील नहीं बल्कि लाखों ग्रामीण लोगों के रोजगार का साधन है। इसके अलावा झील के आसपास देशी और प्रवासी पक्षियों की 160 प्रजातियों पाई जाती हैं। यही वजह है कि हर साल हजारों पर्यटक चिल्का झील की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए आते हैं।