पाकिस्तान की वर्ल्ड कप विजेता हॉकी टीम के गोलकीपर मंसूर अहमद ने सोमवार को हॉर्ट ट्रांसप्लांट के लिए भारत से मदद की अपील की है। 49 वर्षीय मंसूर हॉर्ट से जुड़ी बीमारी से कई हफ्तों से पीड़ित है।
कराची के रहने वाले मंसूर ने भारत सरकार और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मेडिकल वीजा देने की अपील की है। पाकिस्तान के पूर्व गोलकीपर भारत के हॉकी सितारे धनराज पिल्ले और परगट सिंह के खिलाफ हॉकी खेल चुके हैं।
अहमद के एक करीबी परिवार के मित्र ने इंडिया टुडे को बताया, “उनके हॉर्ट में लगाए गए पेसमेकर और स्टेंट ने काम करना बंद कर दिया है और अब उन्हें हॉर्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है, जो केवल भारत में ही संभव हो सकता है।”
अहमद ने एएफपी को बताया, “मैंने इंदिरा गांधी कप (1989) और अन्य टूर्नामेंट में भारतीय टीम को हराकर खेल के मैदान पर बहुत सारे भारतीयों के दिल तोड़े होंगे, लेकिन वह खेल था। अब मुझे भारत में हॉर्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है और इसके लिए मुझे भारत सरकार से मदद चाहिए। मानवता सर्वोपरि है और अगर मुझे भारत में वीज़ा और अन्य मदद मिलती है तो मैं भारत का आभारी रहूंगा।”
उन्होंने आगे कहा, “खेल दो प्रतिद्वंद्वियों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के कुछ रास्तों में से एक रहा है। हमारे पास एक बड़ी प्रतिद्वंद्विता है। खेल ने कई मौकों पर इसमें मदद की है और ये जारी रहना चाहिए।”
अहमद पाकिस्तान में स्पोर्ट आइकन रहे हैं। मंसूर अहमद की बदौलत ही पाकिस्तान साल 1994 में सिडनी में हुए हॉकी वर्ल्ड कप में फाइनल में नीदरलैंड को हरा वर्ल्ड चैंपियन बना था। फाइनल मैच में निर्धारित समय तक नीदरलैंड और पाकिस्तान के बीच 1-1 से बराबरी थी। इसके बाद मैच पेनल्टी शूटआउट में गया जहां मंसूर अहमद ने नीदरलैंड की पेनल्टी को रोक पाकिस्तान को 0 से जीत दिलाई।
गौरतलब है कि मंसूर अहमद ने साल 1986 से 2000 के बीच कुल 338 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया। मंसूर ने 3 ओलंपिक खेलों में भाग लिया। मंसूर 1992 बार्सिलोना ओंलपिक में ब्रॉंज मेडल जीतने वाली पाकिस्तान की हॉकी टीम में शामिल थे।
मंसूर अहमद ने लगातार तीन वर्ल्ड कप खेले और 1994 में पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका अदा की। उन्होंने तीन एशियाई खेलों में भाग लिया और 1990 बीजिंग में पाकिस्तान टीम के लिए गोल्ड मेडल जीता। साल 1994 में वर्ल्ड इलेवन हॉकी टीम में उन्हें जगह दी गई। इसी साल मंसूर अहमद को एफआईएच द्वारा दुनिया का सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर घोषित किया गया। साल 1996 में मंसूर को ऑल एशियन स्टार्स हॉकी टीम में जगह मिली।