डिफेंडिंग चैंपियन पंजाब वॉरियर्स ने अपने अंतिम मुकाबले में भले ही जीत दर्ज की लेकिन वो हॉकी इंडिया लीग के सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो गई। सोमवार को खेले गए मुकाबले में वारियर्स ने उत्तर प्रदेश विजार्ड्स 1-0 से मात दी। शिवाजी स्टेडियम में खेले गए मैच में पंजाब को जीत की जरूरत थी लेकिन उसका फासला कम से कम तीन गोल को होना चाहिए थे। उसके लिए सिर्फ नीदरलैंड्स के मिंक वान डेर वीर्डन ही गोल कर पाए। उन्होंने यह गोल पेनाल्टी कॉर्नर पर किया। पंजाब की टीम इस साल पहली बार एचआईएल के सेमीफाइनल में नहीं खेलेगी।
जीत के बाद पंजाब की टीम के 22 अंक हो गए हैं। उसने सभी 10 मैच खेल लिए हैं जबकि दिल्ली वेबराइडर्स और विजार्ड्स के 23-23 अंक हैं और दोनों टीमों का एक-एक मैच बाकी है। दबंग मुंबई और कलिंगा लासंर्स ने पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना ली है। रांजी रेज का भी एक मैच बाकी है और वह भी सेमीफाइनल की दौड़ में बनी हुई है। पंजाब की टीम एचआईएल की सबसे सफल टीम मानी जाती है लेकिन अब एचआईएल के इस संस्करण में अब उसका सफर यहीं खत्म हो गया है।
पंजाब की टीम को इस मैच का महत्व पता था और इसलिए उन्होंने शुरू से ही आक्रामक खेल खेला। पंजाब के इस खेल के कारण विजार्ड्स की टीम ने रक्षात्मक रूख अपना लिया। पंजाब के कप्तान सरदार सिंह ने इसी बीच शानदार कला दिखाते हुए विजार्ड्स के तीन खिलाड़ियों को छकाया लेकिन वह गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश को चकमा नहीं दे सके। मिंक को भी पहले क्वार्टर में मौके मिले लेकिन विजार्ड्स की चौकन्नी रक्षापंक्ति ने उन्हें भी रोक दिया।
दूसरे क्वार्टर में विजार्ड्स की टीम थोड़ी आक्रामक हुई और मौके बनाए लेकिन गोल नहीं कर पाई। एक पेनाल्टी कॉर्नर भी उसके हाथ से निकल गया। तीसरे क्वार्टर में भी पंजाब ने अपना आक्रामक अंदाज जारी रखा। 35वें मिनट में उसके हिस्से पेनाल्टी कॉर्नर आया जिसे गोल में बदलने में मिंक ने कोई गलती नहीं की। विजार्डस के पास 55वें मिनट में गोल करने का मौका था लेकिन पंजाब के गोलकीपर क्लेमोंस ने गोल नहीं होने दिया।