साल 2012 में सर्किल स्टाइल कबड्डी एशिया कप का आयोजन किया गया था। फाइनल में एक विवाद हो जाने के कारण टीम इंडिया ने वॉक ओवर करने का फैसला किया और पाकिस्तान ने मैच 40-31 से अपने नाम करते हुए लगातार कबड्डी एशिया कप का दूसरा खिताब अपने नाम कर लिया था। चार साल बाद फिर से इस टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। इस बार फिर से पांच एशियाई टीमें (पाकिस्तान, भारत, अफगानिस्तान, ईरान और श्रीलंका) इस टूर्नामेंट में शामिल हुई। ग्रुप स्टेज में टीमों के बीच खूब गहमा- गहमी देखने को मिली। टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया और 4 में से चारों मैच अपने नाम किए। वहीं पाकिस्तान ने भी ग्रुप स्टेज में जबरदस्त खेल दिखाया और चार में से चारों मैच जीते।
इस तरह फाइनल में भारत और पाकिस्तान की टीमों का मुकाबला एक बार फिर से हुआ। यह कबड्डी एशिया कप का तीसरा सीजन था और तीसरी बार एक बार फिर से फाइनल में भारत और पाकिस्तान की टीमें पहुंच चुकी थीं। 6 मई को खेले गए फाइनल में पाकिस्तान ने टीम इंडिया को शुरू से दबाव में रखा और एक- एक प्वाइंट के लिए तरसाया। अंत में पाकिस्तान ने 50-31 से टीम इंडिया को हराकर तीसरी बार खिताबी जीत अपने नाम की। टीम इंडिया अक्सर सर्किल स्टाइल कबड्डी में पाकिस्तान के हाथों मात खाती रही है। वहीं टीम इंडिया ने साल 2016 में जो विश्व कप जीता था वह स्टैंडर्ड स्टाइल में जीता था। स्टैंडर्ड स्टाइल में टीम इंडिया को किसी भी कबड्डी विश्व कप में हार का सामना नहीं करना पड़ा है। लेकिन इसी बीच सवाल उठता है कि सर्किल स्टाइल कबड्डी कैसे खेली जाती है। आइए जानते हैं।
सर्किल स्टाइल कबड्डी को 22 मीटर की परिधी में खेला जाता है। इसमें दो टीमें 8-8 खिलाड़ियों की होती हैं। इस गेम में जब कोई खिलाड़ी छू लिया जाता है तो वह बाहर नहीं बैठता बल्कि एक प्वाइंट विपक्षी टीम को मिल जाता है। ये खेल कुल 40 मिनट तक चलता है। अगर एक खिलाड़ी को दो खिलाड़ी रोकने की कोशिश करते हैं तो फाउल माना जाता है। इस तरह यह कबड्डी स्टैंडर्ड स्टाइल से थोड़ी भिन्न है।