ओलंपिक 2012 लन्दन में सम्पन्न हुआ था, जिसमें भारतीय दल ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस प्रतियोगिता में भारतीय एथलीटों ने पदकों के हिसाब से सबसे ज्यादा 6 पदक जीते थे। जो भारत का अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 2 रजत और 4 कांस्य पदक जीतकर भारतीय दल को 55वां रैंक मिला था। जिसके बाद साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में भारत को सिर्फ दो ही पदक मिले, जिसमें से एक पीवी सिंधु ने रजत पदक और दूसरा कांस्य पदक साक्षी मलिक ने जीता था। लेकिन क्या आपको याद है कि ओलंपिक 2012 में किन दिग्गजों भारत को इतनी बड़ी सफलता दिलाई थी, नहीं तो पढ़ें ये खास आर्टिकल आप ही के लिए है:
नारंग ने ओलंपिक 2012 में 10 मीटर एयर राइफल के अपने इवेंट में 30 जुलाई 2012 को 701.1 अंक हासिल करके कांस्य पदक जीता था। गगन इटली के निकोलो कैम्प्रीयानी से मात्र 0.4 अंक से पीछे रह गए थे।
गगन नारंग
25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में विजय कुमार ने 3 अगस्त 2012 को लन्दन ओलंपिक में रजत पदक जीता था। उनका स्कोर 9.767 था, हालांकि विजय का ये पहला ओलंपिक था।
विजय कुमार
यूं तो बीजिंग ओलंपिक में विजेंदर सिंह ने मुक्केबाजी में भारत को रजत पदक दिलाया था। लेकिन 8 अगस्त 2012 को लंदन ओलंपिक में देश सर्वश्रेष्ठ महिला मुक्केबाज़ मैरी कॉम ने कांस्य पदक जीतकर इस ओलंपिक का चौथा पदक भारत की झोली में डाल दिया।
मैरी कॉम
बैडमिंटन के महिला सिंगल्स में भारतीय शटलर साइना नेहवाल ने 4 अगस्त 2012 को लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। नेहवाल से पहले किसी भी बैडमिंटन खिलाड़ी ने ओलंपिक में पदक नहीं जीता था। साइना ने चीन की क्सिन वांग को 18-21, 0-1 से मात दिया था। हालांकि ये मुकाबला पूरा नहीं हुआ था क्योंकि वांग रिटायर्ड हर्ट हो गयीं थीं।
साइना नेहवाल
कुश्ती में भारत को लंदन ओलंपिक में पहला पदक योगेश्वर दत्त ने दिलाया था। 60 किग्रा भारवर्ग में जोंग-मियोंग को 0-1, 1-0, 6-0 से मात देकर भारत को कांस्य पदक दिलाया था।
योगेश्वर दत्त
लंदन ओलंपिक में 66 किग्रा भारवर्ग में दिग्गज भारतीय पहलवान सुशील कुमार फाइनल में जापान के योनेमित्सू से हार गए और भारत को सिर्फ रजत पदक से संतोष करना पड़ा। सुशील ये मुकाबला 3-1 से हार गए थे।
सुशील कुमार