कुबरा दगली पिछले कई सालों से दुनिया के सबसे शानदार ताइक्वांडो चैंपियन के रुप में सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं।कुबरा को लोग न केवल उनके पंच और किक्स की वजह से जानते हैं, बल्कि अपनी खूबसूरती की वजह से भी वह काफी मशहूर हैं।
22 साल की कुबरा इस्तांबुल की रहने वाली हैं और कई सालों से समाज की रूढ़ीवादी सोच से लड़ रही हैं। इसके बावजूद वह अपने धर्म का अपनी इच्छा से पालन करती हैं और हिजाब पहनकर वर्ल्ड टूर्नामेंट में शिरकत करती हैं।
कुबरा ने साल 2016 में पेरू की राजधानी लीमा में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उस वक्त उनके मेडल से ज्यादा उनके हिजाब ने ज्यादा चर्चा बटोरी। हालांकि हिजाब उन्होंने अपनी मर्जी से चुना है, लेकिन फिर भी लोगों ने उन्हें पिछड़ी सोच वाला करार दे दिया।
कुबरा ने इन्हीं बातों से आहत होकर एक बार सोशल मीडिया पर लिखा, “वे मेरी सफलता की बजाय मेरे हिजाब के बारे में बात करते हैं। मैं ये नहीं चाहती। मेरी सफलता पर भी भी बात होनी चाहिए। हमने काफी प्रयास किए हैं….हमने अपने अपने देश को बनाया है और हमारी टीम वर्ल्ड चैंपियन है। ये हम सबके लिए गर्व की बात है।”
कुबरा की इस सफलता में उनकी कड़ी मेहनत छिपी है। वह एक स्ट्रिक्ट डेली रुटीन फॉलो करती हैं और रोज सुबह प्रैक्टिस के लिए 5 बजे उठ जाती हैं। वह आने वाले टू्र्नामेंट के लिए दिन में दो बार प्रैक्टिस करती हैं।
हर एथलीट की तरह दगली का लक्ष्य भी 2020 ओलंपिक में गोल्ड जीतने का है और उनकी कड़ी मेहनत को देखते हुए लगता है कि वर्ल्ड चैंपियन के लिए ये नामुमकिन नहीं है।