मिक्स्ड मार्शल आर्ट दुनिया के सबसे खतरनाक खेलों में से एक माना जाता है। इस खेल में खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिंग में फाइटर की जान जाने का भी खतरा बना रहता है। वैसे तो लोग पुरुषों की मिक्स्ड मार्शल आर्ट को ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में महिलाओं की मार्शल आर्ट ने भी लोगों के दिलों में जगह बनाई है। यही कारण है कि अब मिक्स्ड मार्शल आर्ट में महिलाएं भी बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं। ऐसी ही एक मिक्स्ड मार्शल आर्ट फाइटर हैं एलेक्जेंड्रा अल्बु, जो अपने खेल और खूबसूरती दोनों से इस खेल में चार चांद लगा रही हैं। आईये जानते हैं एलेक्जेंड्रा अल्बु से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें……

एलेक्जेंड्रा अल्बु
मिक्स्ड मार्शल आर्ट फाइटर एलेक्जेंड्रा अल्बु का जन्म 14 जुलाई 1990 को तत्कालीन सोवियत संघ के वलकेनेस्टी में हुआ था। एलेक्जेंड्रा मिनी फ्लाइवेट कैटेगिरी में लड़ती हैं।

एलेक्जेंड्रा अल्बु
एलेक्जेंड्रा को मिकस्ड मार्शल आर्ट के अलावा कराटे, क्रॉसफिट और बॉडी बिल्डिंग में भी महारत हासिल है। एलेक्जेंड्रा साल 2013 में जूली केड्जी के खिलाफ यूएफसी फाइट नाइट 33 में डेब्यू करने वाली थी, लेकिन घुटने की चोट की वजह से वह इस फाइट में भाग नहीं ले सकी।

एलेक्जेंड्रा अल्बु (Photio: Getty)
चोट से उबरने के बाद एलेक्जेंड्रा ने साल 2015 में इजाबेल के खिलाफ यूएफसी फाइट नाइट 64 में डेब्यू किया और इजाबेल को दूसरे राउंड में ही मात देकर फाइट अपने नाम की।

एलेक्जेंड्रा अल्बु (Photo: Instagram)
यूएफसी में शानदार आगाज करने के बाद एलेक्जेंड्रा ने साल 2017 में वापसी की और 29 जुलाई को यूएफसी 214 फाइट में अमेरिकी फाइटर कैलिन करन को एकतरफा मुकाबले में 3-0 से हराया।

एलेक्जेंड्रा अल्बु (Photo: Instagram)
एलेक्जेंड्रा एकेडमी ऑफ इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी की स्टूडेंट हैं। रूस की इस फाइटर को प्यार से लोग स्टिच बुलाते हैं। एलेक्जेंड्रा को ये नाम ‘लीलो एंड स्टिच’ फिल्म से मिला है।

एलेक्जेंड्रा अल्बु (Photo: Instagram)
एलेक्जेंड्रा पेशे से बतौर फिटनेस इंस्ट्रक्टर हैं। पूरे दिन काम करने के बाद वह सीधे जिम की तरह भागती हैं। साथ ही वह रोजाना एमएमए की ट्रेनिंग करती हैं।

एलेक्जेंड्रा अल्बु (Photo: Instagram)
एलेक्जेंड्रा ने एक इंटरव्यू में बताया, “रूस में किसी लड़की का एमएमए फाइटर होना बहुत अच्छा नहीं माना जाता है। कई लोगों ने इंटरनेट पर मेरे इस फैसले की निंदा की। लेकिन किसी की भी मेरे सामने ये कहने की हिम्मत नहीं हुई।”