एशियाई खेलों में जब भारत की पश्चिम बंगाल के छोटे से गांव रखने वाली स्वप्ना बर्मन ने गोल्ड मेडल जीता तो देश का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था। यह एशियाड के इतिहास में पहली बार था जब भारत की झोली में सात इवेंट वाली संयुक्त प्रतियोगिता में देश ने गोल्ड मेडल जीता था। हेप्टाथलन में सात स्पर्धाएं होती हैं जिसमें 100 मीटर रेस, हाई जम्प, शॉट पुट, 200 मीटर रेस, लॉन्ग जम्प, जैवलिन थ्रो और 800 मीटर रेस दौड़ शामिल है। लेकिन क्या आप जानते हैं एक ऐसा ही खेल है जिसमें तीन अलग-अलग रेसों में एथलीट भाग लेते हैं।
दरअसल इस मल्टी स्पोर्ट्स को ट्रायथलॉन कहते हैं जिसमें तैराकी, साइकिलिंग और दौड़ शामिल है। ओलंपिक खेलों में ट्रायथलॉन के सभी इवेंट में स्टैंडर्ड दूरी इस प्रकार है – 1500 मीटर तैराकी, 40 किलोमीटर साइकिलिंग और 10 किलोमीटर दौड़। इस खेल को सेल्फ टेस्ट भी कहा जाता है, क्योंकि यहां खिलाड़ी अपनी क्षमताओं को भापने के साथ फिटनेस और स्टैमिना (सहनशक्ति) के अनुरूप अपने आपको तैयार करते हैं।
यदि आप इस खेल के लिए प्रशिक्षण शुरू करने वाले हैं, तो कुछ चीजें हैं जिसका तैयारी करते वक्त आपको ख्याल रखना होगा। आईये जानते हैं –
प्रत्येक सप्ताह, आपको लगभग समान संख्या में तैराकी, साइकिलिंग और रनिंग का अभ्यास करना चाहिए, लेकिन आपकी साइकिलिंग का प्रैक्टिस सेशन लंबा जबकि स्विमिंग सेशन छोटा होना चाहिए। अपनी फिटनेस के आधार पर उपयुक्त प्रशिक्षण की शुरुआत करें और धीरे-धीरे इसकी समय-सीमा बढ़ाए, ताकि रिकवरी के लिए आपके पास पर्याप्त समय हो।
तैराकी के लिए उचित कोचिंग के साथ लंबे समय तक तैराकी करना आवश्यक है। आपको सही तकनीक में महारत हासिल करनी है तो ऐसा करने के लिए एक अच्छे कोच और स्विमिंग करने वाले लोगों का ग्रुप ढूंढना होगा जो आपकी मदद कर सकें। तैराकी के क्षेत्र में प्रोफेशनल स्विमर्स का ग्रुप और समय-समय पर कोच से सलाह लेना बेहद अहम है।
साइकिलिंग के लिए आपको अच्छी साइकिल समेत कपड़े, एक हेलमेट, साइकिलिंग वाला चश्मा, एक टायर पंप, एक अतिरिक्त ट्यूब और बोल्ट को कसने और ढीला करने के लिए एक हेक्स रिंच सेट चाहिए। आप जिस भी तरह की साइकिल चुनते हैं उसे अपने हिसाब से ट्यून करने के बाद ही प्रशिक्षण शुरू करें।
दौड़ या रनिंग के लिए वो कपड़े चुनें जिनका फैब्रिक नमी सोंक सके। इस इवेंट में जूते बहुत मायने रखते हैं जिनको पहनकर आप घंटो दौड़ लगाते हैं ऐसे में साधारण स्पोर्ट्स शूज़ से काम नहीं चलेगा। किसी स्पोर्ट्स शॉप से विशेषकर रनिंग के लिए बने जूते ही खरीदें। जूते की फिटिंग और डिजाइन अपने पैर के हिसाब से देखकर ही लें अन्यथा यह आपकी इंजरी का बड़ा कारण बन सकते हैं। वहीं एक अच्छी स्पोर्ट्स घड़ी आपके हृदय गति की निगरानी करने में मदद करेगी।
डाइट
किसी भी खेल में वर्जिश के अलावा दैनिक आहार का प्रभाव सीधे आपके प्रदर्शन और फिटनेस पर पड़ता है ऐसी में आपकी डेली रुटिन डाइट में ताजा फल और सब्जियां, पानी, लो प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंट कार्बोहाइड्रेट और कम वसा वाला भोजन होना चाहिए। वहीं प्रोटीन के लिए मछली, अंडे और उबला हुआ चिकन जैसे नैचुरल स्रोतों का सहारा लें। एक बार जब आप अपने प्रशिक्षण के दौरान अतिरिक्त वसा छोड़ देते हैं तो लगातार शरीर के वज़न को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैलोरी लेना आवश्यक है।
चोटिल होने से बचें
अगर आप ट्रायथलॉन के लिए अपने आपको तैयार कर रहे हैं तो सबसे महत्वपूर्ण हैं चोटों से दूर रहना। ज्यादातर चोटें तब लगती हैं जब आप साइकिलिंग या रनिंग के दौरान गिर जाते हैं या गलत मूवमेंट के कारण चोटिल हो जाते हैं।
चोटों से बचने के लिए बहुत सी चीजों का ख्याल रखना चाहिए जिनमें से एक है स्ट्रेचिंग। स्ट्रेचिंग यानि कि मांसपेशियों का खिंचाव एक्सरसाइज़ के दौरान बहुत जरुरी है जो प्रशिक्षण का मुख्य अंग होता है। ट्रायएथलीट्स को अक्सर अपने काव्स, हैमस्ट्रिंग्स, हिप्स, लोअर बैक, गर्दन और छाती की स्ट्रेचिंग करनी चाहिए। वहीं शरीर को दुरुस्त और मजबूत रखने के लिए फंक्शनल ट्रेनिंग करें।
चोट लगने या चोटिल होने का एक और बहुत बड़ा कारण है गलत तकनीक का इस्तेमाल करना। कोई भी एक्सरसाइज़ करने से पहले उसके सही फॉर्म की जानकारी होना बेहद अहम है। वहीं ज्यादा ट्रेनिंग करने से भी आप चोटिल हो सकते हैं, हफ्ते दर हफ्ते अपने स्टैमिना और क्षमता के अनुसार ही ट्रेनिंग सेशन के समय में वृद्धि करें।