इंडोनेशिया में एशियन गेम्स के दौरान पहले ही दिन भारतीय तैराक साजन प्रकाश के जज्बे की बेहतरीन मिसाल देखने को मिली। केरल से ताल्लुक रखने वाले इस तैराक को यह नहीं पता है कि राज्य में आई बाढ़ के बाद उनके घरवाले कहां और किस सूरत मे हैं लेकिन जकार्ता के स्विमिंग पूल में वह भारत के लिए वह इतिहास रच रहे थे।
इस दौरान उनके मोबाइल फोन पर लगातार फोन आ रहे थे, लेकिन वह हीट में देश का मान बढ़ाने के लिए गोते लगा रहे थे। साजन के घर से चार सदस्य मानियारानकुडी, इडुक्की में बाढ़ में फंसे हुए हैं, इस जिले में बाढ़ से परिस्थितियां बेहद खराब चल रही हैं। हालांकि उनकी मां ने उन्हें प्रतियोगिता में पूरा मन लगाने के लिए कोई भी अनहोनी वाले समाचार से दूर रखा है।
एशियन गेम्स में रविवार को पहले दिन भारत के तैराक साजन प्रकाश ने 200 मीटर बटरफ्लाई के फाइनल में क्वालिफाई किया। इसके साथ ही साजन ने इतिहास रच दिया क्योंकि उनसे पहले सन् 1986 के एशियाड में भारतीय तैराक खजान सिंह ने ये कारनामा किया था।
हालांकि साजन प्रकाश ने फाइनल राउंड में जोरदार कोशिश तो की लेकिन वह पांचवें स्थान पर रहे। इस तरह वह 32 साल पुराने खजान सिंह के उस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ सके, जो खजान सिंह ने इस इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर रचा था।
इवेंट के बाद 24 साल के साजन ने बताया कि उनका ध्यान अब इस वक्त केरल में आई बाढ़ में फंसे अपने घरवालों पर है। जिनके बारे में उन्हें कोई खबर नहीं है, केरल के शहर इडुकी में साजन का ननिहाल है। यही नहीं साजन वहीं पले-बढ़े हैं, हालांकि तमिलनाडु में मौजूद उनकी मां ने उन्हें बताया कि साजन की नानी और मामा के परिवार को इडुकी से रेसक्यू तो किया जा चुका है।
साजन ने आगे कहा, ” मैं इतिहास कौन सा रच रहा था, इसके बारे में नहीं सोच रहा था। क्योंकि मेडल जीतना ही मायने रखता है, लेकिन हां फाइनल में मैं थोड़ा नर्वस था। बाढ़ की वजह से मुझे रात में नींद नहीं आ रही थी, लेकिन इसके बावजूद मेरा पूरा ध्यान इवेंट पर था।”
साजन की मां शांतिमोल भारत की पूर्व ट्रैक एंड फील्ड एथलीट रह चुकी हैं, जिन्होंने साजन को बाढ़ के बारे में उतनी जानकारी नहीं दी। क्योंकि ऐसे में उनका खेल से ध्यान हट सकता था, जबकि साजन के छोटे भाई और उनकी पत्नी व दो बच्चे तीन दिन से गायब थे। उस इलाके में कई जगह लैंडस्लाइड हुई है, जिसकी वजह से कई घर नेस्तनाबूद हो गए हैं।