कुछ बड़ा करने के लिए जिगरा चाहिए, और जिगरा जिगरबाज लोगों के पास ही होता है। किसी ने सही कहा है जिंदगी में अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो कुछ भी संभव है। मजबूत इरादों के साथ बड़े-से-बड़े लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है। अगर खुद पर पूरा भरोसा, कड़ी मेहनत और ज़िद्द हो तो विशालकाय हिमालय को भी झुकाया जा सकता है। ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है बिहार के एक लाल ने। आपको जानकार ताज्जुब होगा कि महज 15 वर्ष की आयु में 80 घंटे की दौड़ लगाकर एक सप्ताह के भीतर बिहार से दिल्ली तक का सफर तय किया है मोहम्मद परवेज ने।

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आप सोंच रहें होंगे कि आखिर ऐसी कौन सी नौबत आ गयी जो उन्हें बिहार से दिल्ली का सफर दौड़ लगाकर तय करना पड़ा। तो आपको बता दें न तो उस दिन ट्रेन बंद थी और न ही कोई हड़ताल थी। बस कुछ करने की ज़िद्द ने परवेज़ को दिल्ली तक दौड़ा दिया। हुआ कुछ यूँ कि पिछले साल पासपोर्ट न होने की वजह से वो एशिया ओलंपिक खेलों में भाग नहीं ले सके थे। इसलिए उन्होंने कुछ अलग करने की सोची और 15 जनवरी को बिझरौली से दिल्ली के लिए दौड़ना शुरू किया।
कौन है मोहम्मद परवेज?
टाइगर के नाम से जाने, जाने वाले 15 वर्षीय परवेज बिहार के महुआ क्षेत्र के बिझरौली गांव के रहने वाले हैं। पिता मो. अब्दुल, राजमिस्त्री का काम करते हैं। टाइगर तीन भाई हैं। उनसे छोटा एक भाई मो. इमरान खान पढ़ाई करता है। बड़ा भाई मो. जफर इकबाल छोटा व्यवसायी है। बकौल जफर इकबाल,”गणमान्यों की उपस्थिति में टाइगर 15 जनवरी को जंदाहा प्रखंड से साढ़े 12 बजे दिन में रवाना हुए। वो छपरा रूट से मुरादाबाद, मऊ, गाजियाबाद, आजमगढ़, होते हुए दिल्ली पहुंचे।” जफर की मानें तो टाइगर को दिल्ली पहुंचने में 7 दिनों का समय लगा। वो दिन के साढ़े 11 घंटे की दौड़ करने के बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन में रुक जाते थे। जहां पुलिस द्वारा ही उसके खाने-पीने व रहने की व्यवस्था की जाती थी।

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जफ़र का दावा है कि बिहार से दिल्ली तक का सफर उन्होंने 80 घंटे में तय किया। यह कारनामा करने के बाद, दिल्ली पहुंच कर परवेज, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से मिले और पीएम मोदी से मिलने की इच्छा भी जताई। केंद्रीय मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वो उन्हें पीएम मोदी से मिलाने में मदद करेंगे। इसके साथ ही पासवान ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट कर प्रतिभाशाली परवेज का हौसला भी बढ़ाया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक परवेज चाहते हैं कि वो प्रधानमंत्री मोदी से मिलें और उनसे गुजारिश करें कि उन्हें देश के लिए प्रतिभा दिखाने का मौका दिया जाए ताकि वो ओलंपिक में भारत और बिहार का नाम रोशन कर सकें।
हाजीपुर के बिजरौली गांव, (जंदाहा) के धावक मोहम्मद परवेज़ आलम उर्फ टाइगर ने हाजीपुर से नई दिल्ली की लगभग 1200 कि०मी० की दूरी 80 घण्टे में दौड़कर पूरी की। साथ में उनके सहयोगी श्री रहमत अंसारी भी थे। बिहार और हाजीपुर को गर्व है ऐसे प्रतिभाशाली धावक पर। #Hajipur pic.twitter.com/SOVZtiTORf
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) January 23, 2019
अब देखना ये दिलचस्प होगा कि बिहार के इस लाल की खेल प्रतिभा को निखारने में सरकार का क्या योगदान होगा ? आज भी भारत के सुदूर इलाकों में एक से बढ़कर एक माटी के लाल हैं जिन्हें तलाश है बस एक मौके की। आज भी वो विषम परिस्थियों के बावजूद खेल के प्रति अपने जूनून को बरकरार रखे हुए हैं।
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