8 अगस्त 1981 को स्विट्जरलैंड के बेसेल शहर में जन्में इस शख्स के जन्म के समय क्या किसी ने सोचा होगा कि यह बड़ा होकर क्या करेगा? रोजर फेडरर नामक इस बच्चे ने कम उम्र से ही टेनिस सीखना-खेलना शुरू कर दिया था। कड़ी मेहनत के दम पर इसने खुद को तराशा और इस खिलाड़ी के खेल में निखार आता गया।
टेनिस जगत के महानतम खिलाड़ियों में से एक रोजर फेडरर ने 1998 में पेशेवर टेनिस खेल में कदम रखा। अक्टूबर 2002 से नवम्बर 2016 तक रोजर लगातार टॉप 10 खिलाड़ियों में शुमार रहे। हाल ही में उन्होंने 2017 ऑस्ट्रेलियन ओपन टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी राफेल नडाल को हराकर 18वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीता। ओपन टेनिस के इतिहास में वे 18 ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले पहले खिलाड़ी हैं। कुल 302 हफ्तों तक ए.टी.पी. की विश्व रैंकिंग में रोजर फेडरर नंबर वन पर काबिज रहे।
कई दिग्गज खिलाड़ी रोजर को टेनिस इतिहास का महानतम खिलाड़ी घोषित कर चुके हैं। ऐसा कहा जाना लाज़िमी भी है क्योंकि, वे रिकॉर्ड 28 बार ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट्स के फाइनल में पहुंचे हैं। 2005 विम्बलडन चैम्पियनशिप से 2007 यू.एस. ओपन तक लगातार 10 बार इन्होंने फाइनल्स में अपनी जगह बनाई। इसके साथ ही वे करियर ग्रैंड स्लैम पूरा करने वाले आठ महान खिलाड़ियों में से एक हैं। तमाम उपलब्धियों के बीच रोजर की एक बड़ी कमजोरी रहा है क्ले कोर्ट। फेडरर करीब 6 से 8 बार फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे हैं लेकिन ज्यादातर बार वहां उन्हें क्ले कोर्ट के बादशाह कहे जाने वाले दिग्गज टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि रोजर ने एक फ्रेंच ओपन खिताब अपने नाम करके आलोचकों का मुंह बन्द कर दिया।
रोजर का अब तक का सफर काफी यादगार रहा है। लेकिन इसके साथ ही चोटों ने रोजर को हमेशा ही परेशान किया है। कन्धे, कलाई व घुटने की चोट से रोजर का बार बार सामना हुआ है। लेकिन इन सबसे उबरकर उन्होंने हर बार खुद को बेहतर साबित किया। इतनी चुनौतियों के बावजूद भी फेडरर में अभी जुनून बाकी है, जिसका परिणाम अच्छा ही आएगा। हाल ही में 2017 ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतकर एक बार फिर रोजर ने अपने दमदार खेल को साबित किया है।