रिकॉर्ड 43 जीत के दहलीज पर खड़े भारत के दिग्ग्ज टेनिस स्टार लिएंडर पेस का विश्व रिकॉर्ड बनाने का सपना फिलहाल भविष्य के गर्त में चला गया है। 27 साल के बाद पहली बार ऐसा होगा कि भारत के डेविस कप टीम में लिएंडर पेस नहीं है। उन्हें उज्बेकिस्तान के खिलाफ शुक्रवार से शुरु होने वाले एशिया ओसियाना मुकाबले से नॉन प्लेइंग कप्तान महेश भूपित ने बाहर कर दिया है। भूपति ने पेस की जगह रोहन बोपन्ना को टीम में तरजीह दी। बोपन्ना विश्व रैंकिंग में 24वें स्थान पर हैं और वह ओलंपिक पदक विजेता पेस (53वें स्थान) से 29 पायदान ऊपर हैं। बोपन्ना दूसरे दौर के डबल मैच में श्रीराम बालाजी के साथ जोड़ी बनायेंगे उनका सामना फारूख दुस्तोव और संजार फायजीव की जोड़ी से होगा।
भूपति ने फैसले को सही ठहराया –
भूपति ने पेस के बजाय बोपन्ना को चुनने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि बेंगलुरू का यह खिलाड़ी अच्छी सर्विस कर रहा है और उसने साल की शुरूआत भी बढ़िया की है। भूपति ने कहा, ‘‘हां, जैसा कि मैंने कहा कि हालात निश्चित रूप से काफी तेज होंगे। रोहन अच्छी सर्विस कर रहा है। इस फैसले का आधार यही था। ’’ भूपति ने कहा कि एक समय उनके युगल जोड़ीदार रह चुके खिलाड़ी को बाहर रखने का फैसला काफी कठिन था। उन्होंने कहा, ‘‘यह कठिन था इसलिये यह अंतिम समय में किया गया। मैं शुरू से ही स्पष्ट था कि मैं तीन एकल खिलाड़ियों के विकल्प के साथ ही खेलना चाहता था क्योंकि दो खिलाड़ी डेविस कप में नहीं खेले हैं इसलिये दो युगल विशेषज्ञ खिलाड़ियों के साथ खेलना थोड़ा जोखिम भरी स्थिति होती। ’’ भूपति ने कहा कि टीम के अन्य खिलाड़ियों ने पेस से ज्यादा अ5यास किया था।
पेस ने 1990 में जयपुर में जापान के खिलाफ डेविस कप में डेब्यू किया था। उन्हें फॉर्म के आधार पर करीब तीन दशकों में पहली बार डेविस कप टीम से बाहर किया गया। पेस ने अभी तक डेविस कप में 42 युगल मुकाबले जीते हैं और वह इटली के दिग्गज निको पीटरांजेली की बराबरी पर हैं। उन्हें डेविस कप इतिहास में सर्वाधिक युगल मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाने के लिये केवल एक जीत की दरकार है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ये लड़के रविवार से यहां हैं। हमने रोहन और बाला के साथ कई सेट खेले हैं। ये प्रत्येक दिन तीन सेट खेलते हैं। दुर्भाग्य से लिएंडर कल ही यहां आया और उसने तीन गेम खेले और यहां बारिश शुरू हो गयी। ’’ जबकि दूसरी तरफ पेस चार दिन पहले मैक्सिको में आयोजित लियोन चैलेंजर जीते थे।
यह पूछने पर कि पेस अगर यहां शुरू में जुड़ जाते तो उन्हें मौका मिलता, तो भूपति ने कहा, ‘‘अगर मुझे रविवार और सोमवार तक पूरी टीम मिली होती तो मेरे पास फैसला करने का शायद और ज्यादा समय होता। ’’ भूपति से जब पूछा गया कि क्या पेस का सफर खत्म हो गया तो भूपति ने कहा – ‘‘बिलकुल नहीं। मैंने सभी को जिसमें लिएंडर भी शामिल हैं को बता दिया कि इसका मतलब यह नहीं है कि उसका सफर खत्म हो गया है। उसकी टीम में उपस्थिति ही अहम है, वह जितना अनुभव और उर्जा डेविस कप में लाता है, वह शानदार है। ’’
एजेंसी –