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Anil Radhakrishna Kumble
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मैदान पर अपना सब कुछ झोंकने के लिये मशहूर रहे पूर्व भारतीय कोच अनिल कुंबले ने कहा कि बेहद अनुशासित परवरिश से वह अपने जीवन में अनुशासन प्रिय बने जिसकी वजह से उन्हें अपने चमकदार करियर के आखिरी दिनों में ‘हेडमास्टर’ का तमगा भी मिला।
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टीम इंडिया के पूर्व कोच अनिल कुंबले और विराट कोहली के रिश्तों की कड़वाहट ने पूरे क्रिकेट जगत में सनसनी मचा दी थी।
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ऋद्धिमान साहा ने कहा कि कुछ साथियों को भले ही लगता हो कि अनिल कुंबले ‘सख्त’ थे लेकिन उन्हें ऐसा नहीं लगता।
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टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने अनिल कुंबले के कोच के पद से इस्तीफा देने के निर्णय का समर्थन किया है। कुंबले के फैसले को सही ठहराते हुए अज़हर ने कहा “मुझे अनिल कुंबले लिए काफी दुख होता है। कुंबले के साथ जो कुछ भी घटा उसका मुझे बेहद अफसोस और दुख है। मैं कुंबले को काफी करीब से जानता हूं और मुझे पता है कि वो किस तरह के इंसान हैं। मुझे लगता है कि शायद उन्होंने सोचा हो कि आत्मसम्मान गंवाने से बेहतर चले जाता ही सही होगा। मेरा मानना है कि उन्होंने सही फैसला किया।”
टीम इंडिया के नवयुक्त कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में यह बयान दिया था कि मौजूदा भारतीय टीम पिछले 20 सालों की सबसे मज़बूत है। शास्त्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अज़हर ने कहा “उन दिनों की भारतीय टीम मौजूदा टीम से अलग थी इसलिए तुलना करना गलत है। उन दिनों शास्त्री भी टीम का हिस्सा थे इसलिए वो खुद को भी इसमें शामिल कर रहे हैं। गेंदबाज अलग थे, विरोधी टीमें अलग थीं इसलिए दो पीढ़ियों के बीच में तुलना करना मुश्किल होता है।” -
2003 विश्वकप यकीनन भारत के लिए बेहद यादगार रहा था। सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम उपविजेता रही थी।
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इयान चैपल ने साफ कहा है कि विराट कोहली को इस मामले में पूरी तरह दोषी नहीं बनाया जाना चाहिए और क्रिकेट के खेल में कोच को ये अधिकार होना चाहिए कि वो कोच चुनने के मामले में अपना पसंद-नापसंद जाहिर कर सके और उसका ख्याल भी रखा जाए। चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बात करते हुए कहा, “कोच को कप्तान के साथ ही काम करना होता है। इसलिए ये जरूरी है कि वो (कोच) के इच्छा के मुताबिक हो। विराट कोहली के जैसे रिश्ते रवि शास्त्री के साथ हैं, वैसे अनिल कुंबले के साथ नहीं थे। अगर कोहली और शास्त्री की जोड़ी अच्छा कर रही है, तो उसे बिगाड़ने की कोई जरूरत नहीं।” चैपल के इस समर्थन से विराट कोहली को कुछ राहत मिल सकती है। फिलहाल वो भारतीय टीम के साथ श्रीलंका में हैं, जहां 26 जुलाई से तीन टेस्ट मैच की सीरीज शुरू हो रही है।
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साहा ने कुंबले को लेकर कहा, “वो (अनिल कुंबले) हमेशा तकनीकी इनपुट देते थे। उन्होंने मुझे भी बैटिंग का स्टांस कुछ बदलने की सलाह दी, जिससे मेरे खेल में काफी सुधार आया। इस स्तर पर कोच आपको सबकुछ तो नहीं सिखा सकते, लेकिन उनका किरदार मैदान के बाहर से काफी अहम रहता है। कई बार खिलाड़ी मौके की गर्माहट में कुछ प्रतिक्रिया दे देते हैं, लेकिन कुंबले फिर भी हमेशा खिलाड़ियों के प्रदर्शन का एनालिसिस कर सलाह देते थे। वो अपने विचारों को लेकर काफी स्पष्ट थे और मेरा रिश्ता भी उनसे काफी अच्छा था। मुझे कभी नहीं लगा कि उनके कार्यकाल में ड्रेसिंग रूम का माहौल खराब रहा हो।” साहा ने नए कोच रवि शास्त्री का जिक्र करते हुए भी कहा कि वो काफी सकारात्मक सोच वाले और प्रेरणादायी व्यक्ति हैं। साहा ने कहा कि शास्त्री का टीम के सभी खिलाड़ियों से अच्छा तालमेल है।
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अजिंक्य ने कहा, “मैच से एक-दो दिन पहले विराट मेरे पास आए और मुझे बेस्ट ऑफ लक कहा। मैं समझ गया कि वो मैच नहीं खेलने वाले हैं। कप्तानी करना गर्व की बात होती है लेकिन विराट का न खेलना एक बड़ा झटका भी था। वो कप्तान होने के साथ ही टीम के मजबूत बल्लेबाज भी हैं और ये मैच बहुत अहम था। लेकिन मुझे विराट से, अनिल भाई से और पूरी टीम से काफी मदद मिली। विराट और अनिल भाई ने मुझे पूरी आजादी दी कि मैं मैच से जुड़े या टीम से जुड़े फैसले खुद ले सकूं। मैंने फैसला किया कि मैं पांच गेंदबाजों के साथ खेलूंगा। टीम ने जोरदार खेल दिखाया और हमें जीत मिली।” भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच इस साल की शुरुआत में टेस्ट सीरीज खेली गई थी। सीरीज के तीसरे टेस्ट में भारतीय कप्तान विराट कोहली को कंधे में चोट लग गई थी, जिसके कारण वो चौथे टेस्ट से बाहर हो गए थे। सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी और चौथा मैच काफी अहम था। इस मैच में अजिंक्य रहाणे ने टीम की कप्तानी की और शानदार जीत दिलाई। रहाणे ने सधी हुई कप्तानी की। साथ ही जब भारतीय टीम चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा कर रही थी, तो रहाणे ने बेहद सकारात्मक बल्लेबाजी भी की।
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सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के संचालन के लिए सीओए का गठन किया था। इस समिति में शुरुआत से ही इतिहासकार रामचंद्र गुहा शामिल थे। लेकिन पिछले महीने गुहा ने समिति से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से ही ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि गुहा प्रक्रियाओं से संतुष्ट नहीं थे। अब उनके ट्वीट्स से चर्चाओं का बाजार और भी गर्म हो गया है। अनिल कुंबले ने भारतीय टीम के कोच पद से इस्तीफा देने के बाद कप्तान विराट कोहली को अप्रत्यक्ष तौर पर इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। अब रवि शास्त्री को भारतीय कोच चुन लिया गया है, लेकिन पुराने विवाद अभी भी खत्म नहीं हो रहे। चर्चा ये भी है कि विराट की पसंद को ध्यान में रखते हुए ही शास्त्री को कोच चुना गया। इस बीच राहुल द्रविड़ और जहीर खान को भी बतौर स्पेशलिस्ट सहायक कोच टीम के साथ जोड़ा गया, लेकिन उनके अधिकार सीमित रखे गए। इससे भी विवादों का बाजार गर्म हुआ। इन्हीं सब बातों पर गुहा ने नाराजगी जाहिर की है।
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कौन बनेगा टीम इंडिया का हेड कोच ? अब इस सवाल का जवाब जल्द मिलने की संभावना है। सोमवार को टीम इंडिया के तीन पूर्व दिग्गजों की सलाहकार समिति (सीएसी) बैठक कर कोच पद के दावेदारों की समीक्षा करेगी। कोच रेस में पूर्व डायरेक्टर रवि शास्त्री सबसे आगे दिख रहे हैं।
बीसीसीआई को 10 लोगों ने इस पद के लिए अपने बायोडाटा भेजे हैं जिसमें शास्त्री के अलावा वीरेंद्र सहवाग, टॉम मूडी, रिचर्ड पाइबस, डोडा गणेश, लालचंद राजपूत, लांस क्लूजनर, राकेश शर्मा (ओमान राष्ट्रीय टीम के कोच), फिल सिमंस और उपेंद्रनाथ ब्रहमचारी (इंजीनियर, क्रिकेट की कोई पृष्ठभूमि नहीं) शामिल हैं। लेकिन पता चला है कि सौरव गांगुली,सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की समिति 10 दावेदारों में से सिर्फ छह का इंटरव्यू लेगी।
सूत्रों के अनुसार साक्षात्कार के लिए छह संभावित उम्मीदवार शास्त्री, सहवाग, मूडी, सिमंस, पाइबस और राजपूत हो सकते हैं। फिलहाल क्लूजनर को स्टैंडबाई रखा जा सकता है लेकिन उन्हें यह पद मिलने की संभावना काफी कम या नहीं के बराबर है।
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भारतीय कप्तान विराट कोहली को मुख्य कोच अनिल कुंबले के साथ मतभेद पर प्रशासनिक मैनेजर कपिल मल्होत्रा की रिपोर्ट में क्लीनचिट दी गई है। चैंपियंस ट्राफी के बाद पूर्व लेग स्पिनर कुंबले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। भारत घरेलू सरजमीं या फिर विदेशी सरजमीं पर जो भी श्रृंखला खेलता है उसके लिए प्रशासनिक मैनेजर की रिपोर्ट अनिवार्य है और आम तौर पर इसे महज औपचारिकता माना जाता है। कुंबले के इस्तीफे को देखते हुए हालांकि बीसीसीआई ने विशेष तौर पर क्रिकेट क्लब आफ इंडिया के मल्होत्रा को निर्देश दिया था कि वह इंग्लैंड में कोहली और कुंबले के बीच मतभेद की घटना पर रिपोर्ट दें। हालांकि पता चला है कि मल्होत्रा की रिपोर्ट में किसी तरह की विवादस्पद घटना का जिक्र नहीं है।
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भारत-वेस्टइंडीज तीसरे वनडे में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 251 रन बनाए। जवाब में वेस्टइंडीज 38.1 ओवर में 158 रन पर सिमट गई। भारत की ओर से स्पिनर्स मैच में छाए रहे। अश्विन ने 10 ओवर में 28 रन देकर तीन विकेट लिए। कुलदीप यादव ने भी तीन विकेट लिए। मैच के दौरान मिगुएल कमिन्स का विकेट लेते ही अश्विन ने 150 विकेट पूरे किए। अश्विन ने अपने वनडे करियर में 111 मैच में 150 विकेट चटकाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ 25 रन देकर चार विकेट रहा है। सबसे तेज 150 विकेट लेने वाले भारतीय स्पिनर्स में उनसे आगे अनिल कुंबले हैं, जिन्होंने 106 मैच में ये मुकाम हासिल किया था।
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भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद की दौड़ लगातार पैनी होती जा रही है। हाल ही में रवि शास्त्री ने अपना दावा पेश किया था और अब दावेदारों में नया नाम जुड़ गया है पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद का। प्रसाद ने कोच पद के लिए आवेदन कर दिया है। प्रसाद के अनुभव को देखते हुए उनका दावा भी मजबूत नजर आ रहा है। इससे पहले पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, टॉम मूडी, रिचर्ड पायबस, डोडा गणेश और लालचंद राजपूत भी कोच पद की दौड़ में शामिल हैं। पिछले एक साल से टीम इंडिया के कोच रहे अनिल कुंबले ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद कोच की तलाश तेज हो गई है। वेंकटेश प्रसाद पहले भी भारतीय टीम के साथ बतौर गेंदबाजी कोच लंबे वक्त तक जुड़े रहे हैं। उनका कार्यकाल अच्छा और विवादों से दूर रहा था। ये बात उनके पक्ष में जा सकती है। वेंकटेश प्रसाद ने भारत के लिए 90 के दशक में बतौर आक्रामक तेज गेंदबाज अपनी पहचान कायम की थी। उनकी जवागल श्रीनाथ के साथ जोड़ी खूब जमती थी। प्रसाद ने 33 टेस्ट में 96 विकेट और 161 वनडे में 196 विकेट झटके।
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बीसीसीआई की विशेष आम बैठक सोमवार को मुंबई में होगी और इस बैठक में अनिल कुंबले के मुख्य कोच पद से इस्तीफा देने के मुद्दे पर पर बहस होने की पूरी संभावना है। इस बैठक का मुख्य एजेंडा -एक राज्य, एक मत और पांच सदस्यीय चयन समिति की बहाली होगी। कुंबले का मुद्दा हालांकि एसजीएम का एजेंडा नहीं है लेकिन सदस्यों द्वारा इसे उठाए जाने की संभावना है।
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जबसे अनिल कुंबले ने भारतीय टीम के कोच पद से इस्तीफा दिया है, भारतीय कप्तान विराट कोहली निशाने पर हैं। लेकिन इस बीच विराट कोहली को पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर से समर्थन मिला है। अनुराग ठाकुर ने साफ कहा है कि विराट कोहली भारतीय टीम के कप्तान हैं और उन्हें ही टीम का बॉस होना चाहिए। ठाकुर ने कहा कि मैदान पर कप्तान ही टीम की बागडोर संभालता है, इसलिए उसे अधिकार मिलने चाहिए। गौरतलब है कि अनिल कुंबले ने कोहली के साथ बिगड़ते समीकरणों को ही अपने इस्तीफे के पीछे की वजह बताया था। उन्होंने कहा था कि विराट को उनके काम करने के तरीके से समस्या थी, इसलिए उचित होगा कि वो पद छोड़ दें। चूंकि कुंबले हमेशा से ही बेहद शालीन क्रिकेटर माने जाते हैं, इसलिए उनका बयान आते ही विराट की आलोचना का दौर शुरू हो गया। क्रिकेट फैन्स के निशाने पर विराट का आक्रामक रवैया आ चुका है।
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अनिल कुंबले के टीम इंडिया के कोच के पद से इस्तीफ़े ने भारतीय क्रिकेट में काफी उथल-पुथल मचा दी है। अब इस बाबत भारतीय टीम के बल्लेबाज़ी कोच संजय बांगड़ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुंबले को याद करते हुए बांगड़ ने कहा कि कुंबले के जाने से टीम में खालीपन सा आ गया है। आपको बता दें कुंबले ने कप्तान विराट कोहली से विवाद के चलते कोच के पद से अपना इस्तीफा दिया था जिसके बाद भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर बिना कोच के ही गई है। बांगड़ ने इस बारे में हालांकि कहा कि टीम इस चोट से अच्छी तरह से उबर रही है और खिलाड़ियों का पूरा ध्यान अच्छी क्रिकेट खेलने की तरफ है।
वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे से पहले मीडिया से बात करते हुए बांगड़ ने कुंबले मामले पर कहा, “हम सभी पेशेवर हैं और इस तरह की चीजें हर उस संस्था का हिस्सा हैं जहां बदलाव होता है। सपोर्ट स्टाफ और खिलाड़ियों ने इस मुद्दे को काफी अच्छे से संभाला है और अब तक हमने स्थिति का अच्छे से सामना किया है। जैसा कि मैने पहले कहा कि इसमें सभी का योगदान है, जब भी टीम से कोई अलग होता है तो इससे निपटना आसान नहीं होता। आपको ये मानना ही पड़ता है कि ऐसी चीजें कभी ना कभी होंगी ही। लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी ये है कि भारतीय क्रिकेट को हमेशा आगे बढ़ना चाहिए और टीम का प्रदर्शन इस सबसे प्रभावित नहीं होना चाहिए।” -
पिछले कुछ दिनों से भारतीय क्रिकेट में काफी उथल-पुथल मची हुई है। अनिल कुंबले के टीम इंडिया के कोच के पद से इस्तीफा देने के बाद से ही मानो बवाल मच गया है। बात तब हाथ से निकल गई जब कुंबले ने खुले आम यह कह दिया कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से उनके रिश्ते ख़राब थे। इसी के परिणामस्वरूप वो कोच के पद से त्याग दे रहे हैं। अब बीसीसीआई इस मुद्दे को ठंडा करने में लगा हुआ है। अब प्रशासकों की समिति के प्रमुख विनोद राय ने बतौर कोच अनिल कुंबले के काम की तारीफ़ की है। कुंबले की तारीफों के कसीदे पढ़ते हुए राय ने कहा कि वह बेहतरीन कोच रहे और हम सुनिश्चित करेंगे कि भारतीय टीम में एकजुटता रहे।
राय ने कुंबले-कोहली विवाद पर कहा, “अगर दो व्यक्तियों को चौबीसों घंटे और सातों दिन एक साथ रखा जाता है तो उनकी पेशेवर राय में मतभेद हो सकता है, इसमें कोई दो राय नहीं है? उनका अनुबंध एक साल के लिए था। वह काफी परिपक्व व्यक्ति हैं, उन्होंने यह फैसला किया कि बस बहुत हो गया। कप्तान को ही मैदान पर खेलना है, क्या आख़िरकार ऐसा नहीं है? उन्होंने कहा, “कुंबले की भूमिका पूरी तरह से त्रुटिहीन थी। उन्होंने बतौर कोच बेहतरीन काम किया। हम इतने ही पेशेवर लोगों के साथ रहेंगे ताकि सुनिश्चित हो कि कप्तान, मैनेजर और टीम में सांमजस्य रहे। -
क्रिकेट ड्रामे की बात हो, तो भारतीय क्रिकेट सबसे आगे होगा। जितना ग्लैमर, उतना ड्रामा। नया चैप्टर खुला है विराट कोहली और अनिल कुंबले के विवाद से। दोनों दिग्गज के समीकरण नहीं बन पाए और मामला बिगड़ गया। लेकिन ये पहली मर्तबा नहीं है। भारतीय क्रिकेट में कोच और कप्तान के बीच धमाचौकड़ी पहले भी कई बार हो चुकी है। कब, क्यों, किसके बीच? कप्तान और कोच के बीच हुआ सबसे बड़ा विवाद। साल 2005 में कोच पद के लिए गांगुली ने ही चैपल की सिफारिश की। चैपल ने आते ही सौरव को कप्तानी पर सवाल उठा दिए। विवाद हुआ और आखिर खराब फॉर्म से गुजर रहे सौरव की कप्तानी और टीम में जगह, दोनों गई। सौरव ने साल भर के बाद टीम में वापसी की। विश्वकप-2007 में भारत की हार के बाद चैपल की ही विदाई हो गई। सौरव और चैपल सार्वजनिक तौर पर भी एक-दूसरे से नाराजगी साफ तौर पर जाहिर कर चुके हैं।
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भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली और पूर्व कोच अनिल कुंबले के बीच पनपे विवाद पर रोज कुछ न कुछ नया सामने आ रहा है। अब इसमें नया नाम जुड़ गया है डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली चर्चित कम्पनी अमूल का। अमूल ने पूरे मामले पर मजाकिया अंदाज में चुटकी ली है। अमूल का ये नया विज्ञापन काफी पसंद किया जा रहा है और वायरल भी हो रहा है। अमूल इससे पहले भी कई बार अपने विज्ञापनों के कारण चर्चा में रहा है। वो कई बार हालिया चीजों पर विज्ञापन बनाकर उसे मजाकिया अंदाज में पेश करते हैं। इस बार भी अमूल ने ऐसा ही विज्ञापन बनाया है। इसमें अनिल कुंबले, विराट कोहली और कुछ और भारतीय खिलाड़ियों के जैसा कार्टून बनाया है और साथ में लिखा है, “सब’कोच’ सीखा हमने, न सीखी कोई यारी?”। गौरतलब है कि हाल ही में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खत्म होने के फौरन बाद भारतीय कोच अनिल कुंबल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके बिना ही भारतीय टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर रवाना हो गई। अनिल कुंबले ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए अपने इस्तीफे के पीछे विराट कोहली से बिगड़ते समीकरणों को भी जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद से विराट कोहली और अनिल कुंबले का विवाद लगातार सुर्खियों में बना है। हालांकि कुंबले का कार्यकाल पहले भी एक साल का ही था, जो इस जून में खत्म हो रहा था। लेकिन कोहली के साथ विवाद की खबरें आने से मामले ने तूल पकड़ लिया।
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भारतीय कप्तान विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच जो कुछ भी हुआ उसमें कुंबले के सम्मान को ठेंस पहुंची, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम की भूमिका तो तभी बन गई थी, जब कुंबले का नाम भी कहीं नहीं था। कोहली और कुंबले के बीच तथाकथित मतभेद का मूल कारण वे परिस्थितियां हैं जो कुंबले के हेड कोच बनने से पहले बनीं। कुबंले के कोच नियुक्त होने से पहले रवि शास्त्री टीम के मैनेजर थे और कहा जा रहा था कि विराट कोहली शास्त्री को ही टीम का हेड कोच चाहते हैं, लेकिन कोच नियुक्त करने की प्रक्रिया में उनसे राय नहीं ली गई। मई 2016 में बीसीसीआई ने कोच के लिए आवेदन आमंत्रित किए जिसमें शर्त यह थी कि आवेदक को प्रथम श्रेणी या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोचिंग का अनुभव होना चाहिए। कुंबले उन 57 आवेदकों में थे, जिन्होंने कोच के लिए आवेदन किया था।
इन 57 आवेदकों में से सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की सदस्यता वाली क्रिकेट बोर्ड की सलाहकार समिति ने 21 सदस्यों को शॉर्टलिस्ट किया। इन 21 आवेदकों में अनिल कुंबले का नाम भी था जो इसलिए चौकाने वाला था क्योंकि बोर्ड की शर्त के अनुसार कुबंले न तो प्रथम श्रेणी स्तर पर और न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोच रहे हैं, फिर उनका नाम शॉर्टलिस्ट कैसे हो गया? बोर्ड ने आख़िर क्यों अपने ही बनाए नियमों को तोड़ा? क्या कुंबले को किसी तरह का फेवर किया गया? -
भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफे के बाद अब अनिल कुंबले का वो 19 पन्नों का खत सामने आया है जिसमें उन्होंने बीसीसीआई से वेतन बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने मांग की थी कि मुख्य कोच की कमाई कप्तान की अनुमानित कमाई का 60 प्रतिशत होनी चाहिए। दस्तावेज में साथ ही आईपीएल से राष्ट्रीय कोचों की कमाई का समर्थन किया गया था जिससे कि उनकी आय में इजाफा होगा लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह हितों का टकराव है या नहीं।
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जबसे अनिल कुंबले ने अचानक भारतीय क्रिकेट टीम के कोच का पद छोड़ा है, तब से लगातार इस पर टिप्पणियां आ रही हैं। इनमें नया नाम जुड़ गया है पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का। हालांकि गांगुली ने इसके पक्ष या विपक्ष में कोई बात नहीं कही। उन्होंने सीधे कहा कि ये अनिल कुंबले का व्यक्तिगत निर्णय है और उन्हें इस पर ज्यादा बात नहीं करनी। सौरव ने एक तरह से पूरे मामले पर कन्नी ही काट ली। गौरतलब है कि सौरव गांगुली और अनिल कुंबले करीब डेढ़ दशक तक साथ क्रिकेट खेले। दो.नों एक-दूसरे की कप्तानी में भी खेले और कभी इनके बीच किसी मनमुटाव की खबरें नहीं आईं। वहीं फिलहाल जिस क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को नया कोच चुनने का जिम्मा सौंपा गया है, उसमें भी सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के अलावा सौरव गांगुली भी शामिल हैं। इस लिहाज से पूरे मामले पर गांगुली की राय काफी अहमियत रखती है।
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भारतीय क्रिकेट के लिए हालात अचानक से बिगड़ रहे हैं। पहले चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में पाकिस्तान को हाथों हार और अब कोच पर किचकिच। अनिल कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा दिया और जिम्मेदार ठहराया कप्तान विराट कोहली को। अब इस पर विराट कोहली ने भी चुप्पी तोड़ी और कहा है कि वो ड्रेसिंग रूम की बातें बाहर नहीं ला सकते। विराट ने साफ तौर पर इशारा कर दिया कि वो अनिल कुंबले की ओर से ड्रेसिंग रूम की बातें बाहर आने को लेकर खुश नहीं हैं। भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच वनडे और एक टी-20 मैच खेलने के लिए वेस्टइंडीज पहुंची हुई है। सीरीज के पहले मैच से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली से पत्रकारों ने कोच को लेकर हो रहे पूरे विवाद पर सवाल किए। इससे पहले अनिल कुंबले का इस्तीफा आने के बाद विराट पूरी तरह चुप्पी साधे थे। विराट से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि इस पूरे मामले को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था? इस पर भारतीय कप्तान ने कहा, “अनिल भाई ने अपनी बात सार्वजनिक तौर पर सामने रख दी है और पद से इस्तीफा दे दिया है। हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं। ये फैसला चैंपियंस ट्रॉफी के फौरन बाद आया है। चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान मैंने भी कुल 11 प्रेस कॉन्फ्रेंस की होंगी।
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भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद से अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद हर रोज कुछ नई जानकारी लोगों के बीच आ रही है। इस्तीफा देने के बाद कुंबले ने सीधे तौर पर टीम के कप्तान विराट कोहली पर निशाना साधा था और इस बीच खबर आर रही है कि दोनों के बीच पिछले छह महीने से बात चीत नहीं हो रही थी। बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी भी इस बात से हैरान हैं कि कप्तान विराट कोहली और मुख्य कोच अनिल कुंबले पिछले छह महीनों से आपस में बात नहीं कर रहे थे।
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अब चूंकि अनिल कुंबले भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद से इस्तीफा दे चुके हैं, तो सवाल ये है कि ये जिम्मेदारी अब कौन उठाएगा? इस दौड़ में कुछ नाम काफी तेजी से उभरकर सामने आ रहे हैं। अंतिम फैसला बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति को करना है, जिसमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। ये फैसला भारत-वेस्टइंडीज सीरीज के बाद आ सकता है। वीरेंद्र सहवाग – टीम इंडिया के तूफानी ओपनर रहे वीरेंद्र सहवाग इस दौड़ में शामिल हैं। उनको कोच बनाने या न बनाने को लेकर भी तमाम तरह के मत हैं। ये भी खबरें आई थीं कि सहवाग ने कोच पद के आवेदन में महज दो लाइन का सीवी भेज दिया था। बहरहाल इन खबरों के बीच सहवाग का नाम अभी दौड़ में शामिल है। टॉम मूडी – टॉम मूडी का नाम विश्व के अच्छे कोच में लिया जाता है। वो विदेशी कोच के तौर पर एक पसंद हो सकते हैं। टॉम मूडी से बीसीसीआई लगातार संपर्क में है। इस वक्त वो आईपीएल की सनराइजर्स हैदराबाद टीम के कोच हैं, जिसके मेंटर वीवीएस लक्ष्मण हैं।
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अनिल कुंबले ने भारतीय टीम के कोच पद से अचानक इस्तीफा दिया और भूचाल मच गया है। नई-नई बातें-कयासें सामने आनी शुरू हो गई हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की मानें, तो अनिल कुंबले ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में पाकिस्तान के हाथों हार के बाद भारतीय टीम को ड्रेसिंग रूम में काफी फटकार लगाई थी। इससे ही उनके टीम के साथ समीकरण और भी बिगड़ गए। भारत को अप्रत्याशित तौर पर पाकिस्तान के हाथों 180 रन से बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। टीम के प्रदर्शन से कोच अनिल कुंबले काफी नाखुश थे और ये गुस्सा मैच के बाद ड्रेसिंग रूम में फूट पड़ा। उन्होंने पूरी टीम को काफी फटकार लगाई। इस वाकये के बाद टीम के कई खिलाड़ियों ने कप्तान विराट कोहली से बात की और कुंबले के व्यवहार पर नाराजगी भी जाहिर की।
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मंगवार शाम को उस समय भारतीय क्रिकेट में खलबली मच गई जब अनिल कुंबले ने कोच के पद से इस्तीफा दे दिया। पिछले कुछ दिनों से इस बात ने ज़ोर पकड़ा हुआ था कि कप्तान विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच मतभेद चल रहे हैं। लेकिन इस बात के सिर्फ कयास लगाए जा रहे थे। इन कयासों पर मुहर अब खुद अनिल कुंबले ने लगा दी है। दरअसल, इस्तीफा देने के बाद कुंबले ने एक पत्र लिखते हुए उसे सोशल मीडिया पर साझा किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि विराट कोहली के साथ चलना काफी मुश्किल हो गया था।
इस खुले पत्र में अनिल कुंबले ने लिखा ”बीसीसीआई ने मुझे एक दिन पहले (सोमवार) को बता दिया था कि कोहली को मेरी शैली और कोच बने रहना पसंद नहीं है। इस बात से मैं काफी सकते में आ गया, क्योंकि मैंने हमेशा कोच और कप्तान की भूमिकाओं की सीमाओं का सम्मान किया है। हालांकि बीसीसीआई ने कोच और कप्तान के बीच तनातनी को खत्म करने की पूरी कोशिश की, लेकिन मेरा मानना है कि इस तरह कोच और कप्तान के बीच तालमेल नहीं बैठ सकता। इसलिए मैंने इस्तीफा देना बेहतर समझा।” -
अनिल कुंबले ने टीम इंडिया के हेड कोच के पद से इस्तीफा दे दिया है। ख़बरों के मुताबिक़ चैंपियंस ट्रॉफी के समाप्त होते ही कुंबले ने बीसीसीआई को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। 23 जून से शुरू हो रहे वेस्टइंडीज दौरे के लिए कुंबले टीम के साथ लंदन नहीं गए थे और तभी से इस बात की अटकलों ने ज़ोर पकड़ लिया था कि कुंबले टीम का साथ छोड़ सकते हैं। हालांकि उन्होंने वेस्टइंडीज नहीं जाने का आधिकारिक कारण यह बताया था कि उन्हें आईसीसी के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेना था। आपको बता दें कुंबले क्रिकेट समिति के अध्यक्ष हैं और कुंबले की क्रिकेट समिति की बैठक 22 जून को होनी है।
टीम इंडिया वेस्टइंडीज दौरे पर बिना कोच के ही रवाना हो गई और इस बीच अब ख़बर यह आई कि कुंबले ने कोच के पद से इस्तीफा दे दिया। गौरतलब है कि बीसीसीआई पिछले कुछ दिनों से भारतीय टीम के लिए कोच की खोज में जुटा हुआ है क्योंकि कुंबले का एक साल का कार्यकाल चैंपियंस ट्रॉफी के बाद ही समाप्त हो रहा था। लेकिन वक़्त पर कोच नहीं मिलने के चलते कुंबले को वेस्टइंडीज दौरे पर टीम के कोच के पद पर बरक़रार रखा गया था। इस बीच यह भी ख़बर आई कि कप्तान विराट कोहली के साथ उनके रिश्ते कुछ ठीक नहीं है जिनकी वजह से दोनों के बीच मतभेद चल रहे हैं। -
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी तो खत्म हो गई। अब सबकी नजरें भारतीय क्रिकेट के नए बड़े फैसले पर है। ये फैसला होगा टीम के नए कोच को लेकर। नए कोच का नाम तय होना अभी बाकी ही है कि इंग्लैण्ड से एक बड़ी खबर आ रही है। भारतीय टीम अपनी अगली सीरीज खेलने के लिए इंग्लैण्ड से वेस्टइंडीज रवाना हो गई है, लेकिन कोच अनिल कुंबले के बिना। ये काफी चौंकाने वाली बात है। खासकर उस वक्त पर जब कोच को लेकर लगातार किचकिच जारी है। भारत को वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच वनडे और एक टी-20 मैच खेलना है। इसके लिए टीम इंडिया रवाना हुई है। इससे पहले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने फाइनल में भारत को 180 रन रौंदकर खिताब अपने नाम किया।
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चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के हाथों मिली करारी शिकस्त के बाद टीम इंडिया की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही। एक बार फिर टीम के हेड कोच को लेकर विवाद सामने आया है। ऐसा माना जा रहा था कि कप्तान कोहली और हेड कोच अनिल कुंबले के बीच कोई मतभेद नहीं लेकिन सूत्रों की माने तो कप्तान विराट कोहली नहीं चाहते हैं कि कोच के रूप में अनिल कुंबले को दूसरा कार्यकाल दिया जाए। मिली जानकारी के अनुसार, कप्तान विराट कोहली ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल से एक दिन पहले क्रिकेट सलाहकार समिति के इस मसले पर करीब एक घंटे तक बैठक चली जहां कुंबले को लेकर कोहली बैकफुट पर नज़र आए । कोहली ने कुंबले की कार्य प्रणाली को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया है।
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चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के बाद टीम इंडिया के हेड कोच अनिल कुंबले का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में सभी के मन में एक सवाल है कि टीम का अगला कोच कौन होगा। कुंबले सहित कई दिग्गजों ने टीम के कोच के पद के लिए नामांकन भरा है। चैंपियंस ट्रॉफी फ़ौरन बाद के बाद टीम इंडिया को वेस्टइंडीज दौरे पर जाना है। ऐसे में बीसीसीआई के पास टीम का नया कोच नियुक्त करने के लिए ज़्यादा वक़्त बचा नहीं है। बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना के मुताबिक़ वेस्टइंडीज दौरे से पहले टीम इंडिया के नए कोच की नियुक्ति के लिए पर्याप्त समय नहीं बचा है। इसके साथ ही ख़बर यह भी आ रही है कि वेस्टइंडीज दौरे के लिए बीसीसीआई अनिल कुंबले को ही हेड कोच की ज़िम्मेदारी सौंपने का मन बना चुका है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बीसीसीआई के एक अधिकारी कहा, “बीसीसीआई प्रेज़ीडेंट सीके खन्ना का कहना है कि चैंपियंस ट्रॉफी चल रही है, तो टीम इंडिया के कोच पर निर्णय लेना अभी सही नहीं होगा। चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल 18 जून को खत्म होगा। वहीं टीम इंडिया 20 जून को वेस्टइंडीज रवाना हो जाएगी। अगर उसी समय सीएसी टीम इंडिया के नए कोच का चुनाव करती है तो उस हिसाब से समय नहीं बचा है कि वह टीम इंडिया को ज्वाइन कर सकें। इसलिए यह बेहतर होगा अगर कुंबले के अनुबंध को एक सीरीज के लिए बढ़ा दिया जाए।” -
भारतीय टीम के नए कोच को लेकर शुरू हुई कयासबाज़ी और अफवाहों के दौर पर जल्द ही विराम लग सकता है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक अनिल कुंबले के नाम पर फिर मुहर लग सकती है। बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्यों सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की इंग्लैंड में आज यानी भारतीय समय अनुसार भारत श्रीलंका के मैच के बाद आंतरिक बैठक होगी। ऐसा माना जा रहा है कि तीनों ही दिग्गज चाहते हैं कि अनिल कुंबले भारतीय टीम के मुख्य कोच के पद पर बने रहे। समझा जाता है कि गांगुली ,लक्ष्मण और तेंदुलकर इस महान लेग स्पिनर को हटाने के पक्ष में नहीं हैं । इन्होंने ही रवि शास्त्री की जगह कुंबले को कोच के पद पर नियुक्त किया था। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के करीबी माने जाने वाले एक पदाधिकारी को छोड़कर बाकी सभी यह परंपरा कायम करने के खिलाफ है कि कोच पर फैसला भारतीय टीम का कप्तान ले।
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अनिल कुंबले दोबारा भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बन सकते हैं। कप्तान विराट कोहली के साथ उनके विवाद की खबरों के बीच इस पर भरोसा करना कुछ मुश्किल जरूर है, लेकिन समीकरण ऐसे ही बन रहे हैं। बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति अनिल कुंबले के काम से खुश है और उन्हें दूसरा कार्यकाल देना चाहती है। क्रिकेट सलाहकार समिति के जिम्मे में ही टीम के लिए कोच चुनने का अहम काम रहता है। समिति में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। तीनों दिग्गज का मानना है कि पिछले एक साल में अनिल कुंबले ने बतौर भारतीय कोच अच्छा काम किया है और उन्हें दूसरा कार्यकाल जरूर मिलना चाहिए। गौरतलब है कि भारतीय कोच की दावेदारी में वीरेंद्र सहवाग और टॉम मूडी का नाम भी शामिल है। वहीं वर्तमान कोच अनिल कुंबले ने भी दोबारा अपनी दावेदारी पेश की है। ऐसे में ये मुकाबला काफी दिलचस्प हो चुका है। हालांकि विराट कोहली के साथ अनिल कुंबले के विवाद की खबरें आने के बाद अनिल कुंबले की दावेदारी कमजोर नजर आ रही थी, लेकिन अब सलाहकार समिति के रुख से साफ है कि कोच कुंबले दौड़ से बाहर नहीं हैं।
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बीसीसीआई के प्रशासकों की समिति (सीओए) से अपने इस्तीफे के बाद मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भारतीय क्रिकेट में नए विवाद को जन्म दे दिया है। गुहा ने अपने त्यागपत्र में भारतीय क्रिकेट की ‘सुपरस्टार संस्कृति’, हितों के टकराव पर ध्यान न देना और कोच अनिल कुंबले के प्रति बीसीसीआई के ‘असंवेदनशील’ रवैये पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
हर बड़े खिलाड़ी को रखा निशाने पर –
गुहा ने अपने त्याग पत्र में किसी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कोच के चयन में कप्तान विराट कोहली की भूमिका पर सवाल उठाने के साथ ही सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के कथित हितों के टकराव पर सवाल खड़े किए हैं।अपने पत्र में उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को तीनों प्रारूपों में नहीं खेलने के बावजूद ‘ग्रेड ए’ का कॉन्ट्रैक्ट देने पर भी सवाल उठाया है। सीओए के प्रमुख विनोद राय को भेजे गये सात पेज के अपनी चिट्ठी में गुहा ने बीसीसीआई सीईओ (राहुल जोहरी) और बीसीसीआई पदाधिकारियों (अमिताभ चौधरी) का कोहली-कुंबले के बीच मतभेदों के मामले से ‘बेहद असंवेदनशील और गैरपेशेवर तरीके’ से निबटने पर नाराजगी जाहिर की है।
श्रीनाथ को चाहते हैं अपनी जगह-
उन्होंने सीओए पर ‘चुप्पी साधे रखने और निष्क्रिय बने रहने’ का आरोप लगाया था और दावा किया कि पैनल ‘दुर्भाग्य से इस मामले में सहभागी की भूमिका’ निभा रहा है। गुहा ने इसके साथ ही अपने स्थान पर एक पूर्व क्रिकेटर के तौर पर जवागल श्रीनाथ को प्रशासकों की समिति में रखने की सिफारिश भी की है। गुहा ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा था कि वह निजी कारणों से सीओए से हट रहे हैं, लेकिन अपने पत्र में उन्होंने भारतीय क्रिकेट के कर्ताधर्ताओं से कई असहज सवाल किये हैं।
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भारतीय क्रिकेट टीम के कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच कथित विवाद अब किसी से छिपा नहीं है। इस विवाद में अब बीसीसीआई के पूर्व सचिव अजय शिर्के भी कूद पड़े हैं। शिर्के का दावा है कि विराट कोहली शुरू से ही अनिल कुंबले को टीम का कोच बनाए जाने के पक्ष में नहीं थे। जब कुंबले की इस पद पर नियुक्ति हुई, तो उस वक्त के टेस्ट कप्तान विराट कोहली असहमत थे। अजय शिर्के के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा कि विराट ने उस वक्त बोर्ड के फैसले के आगे मजबूर होते हुए कुंबले के नाम पर सहमति जता दी। बोर्ड भी जानता था कि विराट कोहली अनिल कुंबले की इस पद पर नियुक्ति से असहमत हैं, इसीलिए कुंबले को पद पर महज एक साल का ही कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। शिर्के ने कहा, “आज उनके (कोहली-कुंबले) के बीच विवाद की काफी खबरें हैं। लेकिन विराट शुरू से ही कुंबले के कोच बनने से असहमत थे। लेकिन उस वक्त बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने हस्तक्षेप करते हुए साफ कहा कि कुंबले का नाम बोर्ड की क्रिकेट सलाहकार समिति ने प्रस्तावित किया है। इसलिए ये सर्वमान्य होना चाहिए। इसके बाद कोहली ने भी फैसला स्वीकार कर लिया।”
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इन दिनों भारतीय क्रिकेट टीम में कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच लगातार मतभेद की खबरें आ रही हैं। इस बीच टीम से बाहर चल रहे सीनियर खिलाड़ी हरभजन सिंह भी इस कथित विवाद में कूद पड़े हैं। हरभजन सिंह का कहना है कि वो अनिल कुंबले के साथ 15 साल तक खेले, लेकिन कभी कोई विवाद नहीं हुआ। अब तक इस पूरे विवाद में अनिल कुंबले, विराट कोहली या बीसीसीआई की ओर से कोई बयान नहीं आया है। लेकिन बाकी हर तरफ से तरह-तरह की राय आने लगी है। इसी फेहरिस्त में अब भज्जी का नाम भी जुड़ गया है। उन्होंने अपने बयान से एक तरह से कुंबले का ही पक्ष लिया है।
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पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले का भारतीय क्रिकेट टीम के कोच पद से हटना तय हो चुका है। बीसीसीआई ने नए कोच के लिए आवेदन मंगा लिए हैं। आवेदकों के लिए नाम भेजने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसकी डेडलाइन बुधवार तक थी। इसके साथ ही साफ है कि कुंबले के लिए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी टीम के साथ आखिरी सीरीज होगी। अभी तक ये साफ तौर पर सामने नहीं आया है कि भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच के लिए किन बड़े नामों ने आवेदन किया है या कौन से नाम दौड़ में आगे हैं। लेकिन कुंबले की विदाई तय होना काफी अप्रत्याशित है। इसका बड़ा कारण है कप्तान विराट कोहली से उनकी कथित अनबन। दोनों के मतभेदों को लेकर मीडिया में काफी चर्चा है।
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भारत के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भारतीय टीम में चल रहे नए कोच के विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बीसीआई के फैसले को सही करार दिया है। टीवी चैनल आजतक के खास कार्यक्रम सलाम क्रिकेट में गावस्कर ने बातचीत के दौरान कहा, ‘बीसीसीआई जो भी कर रहा है वो एक प्रकिया का हिस्सा है। किसी भी टीम के कप्तान और कोच की सोच एक समान नहीं होती । और यह मुमकिन भी नहीं क्योंकि कोच और खिलाड़ियों के दौर में फर्क है। मुझे नहीं लगता कि विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच के मतभेदों की खबरों को तूल देना चाहिए। कप्तान और कोच के बीच की बहस टीम के लिए हमेश कारगर साबित होती है।’ बता दें कि हाल में ही इंडिया टुडे में छपी ख़बर के मुताबिक़ टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले के कड़े रवैये से ना सिर्फ कप्तान कोहली बल्कि टीम के कई खिलाड़ी इससे नाराज़ हैं। ख़बरों की माने तो कुंबले खिलाड़ियों पर अब काफी कड़ा रुख़ इख़्तियार करने लगे हैं जो बात उन्हें बिल्कुल भी रास नहीं आ रही है। इस बात को लेकर टीम के खिलाड़ियों ने बीसीसीआई से शिकायत भी की है। शिकायत में खिलाड़ियों ने कहा है कि कुंबले अब काफी धौंस जमाते हुए काफी बंदिशें लगाने लगे हैं। इससे खिलाड़ियों की आज़ादी कम हो रही है।
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चैंपियंस ट्रॉफी शुरू होने में अब कुछ ही दिन का समय रह गया है लेकिन उससे पहले इंग्लैंड गए भारतीय खेमे से एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है। दरअसल, टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। ख़बर यह है कि कुंबले और कोहली के बीच काफी दूरियां आ गई है। इतना ही नहीं, कोहली के अलावा टीम इंडिया के दूसरे खिलाड़ी भी कोच कुंबले के रवैये से इन दिनों नाखुश हैं। इसको इसलिए भी बड़ा माना जा रहा है क्योंकि यह बात भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) तक जा पहुंची है।
इंडिया टुडे में छपी ख़बर के मुताबिक़ टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले के कड़े रवैये से ना सिर्फ कप्तान कोहली बल्कि टीम के कई खिलाड़ी इससे नाराज़ हैं। ख़बरों की माने तो कुंबले खिलाड़ियों पर अब काफी कड़ा रुख़ इख़्तियार करने लगे हैं जो बात उन्हें बिल्कुल भी रास नहीं आ रही है। इस बात को लेकर टीम के खिलाड़ियों ने बीसीसीआई से शिकायत भी की है। शिकायत में खिलाड़ियों ने कहा है कि कुंबले अब काफी धौंस जमाते हुए काफी बंदिशें लगाने लगे हैं। इससे खिलाड़ियों की आज़ादी कम हो रही है। -
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने अपनी सालाना बैठक में कई सिफारिशें कीं जिसमें सभी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए डीआरएस का इस्तेमाल करना और मैदानी अंपायरों को गलत व्यवहार के लिए खिलाड़ियों को मैदान से बाहर भेजने का अधिकार देना अहम रहीं।
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एक तरफ जहां टीम इंडिया कोच अनिल कुंबले के अपार अनुभव के साथ चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीतने इंग्लैंड पहुंची तो दूसरी तरफ बीसीसीआई ने कुंबले बड़ा झटका दे दिया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने गुरुवार को इस बात की घोषणा की।
भारतीय टीम के वर्तमान कोच अनिल कुंबले का कॉन्ट्रैक्ट चैंपियंस ट्रॉफी के साथ ही खत्म हो जाएगा। हालांकि उन्हें इस पद के लिए डायरेक्ट एंट्री मिलेगी। भारतीय टीम के कोच पद की नियुक्ति में पारदर्शिता के लिए प्रशासक समिति द्वारा चुना गया अधिकारी क्रिकेट सलाहकार समिति के साथ मिलकर इस प्रक्रिया पर निगरानी रखेगा। बीसीसीआई द्वारा गठित तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति में दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वी.वी.एस. लक्ष्मण शामिल हैं। कोच पद के आवेदन के लिए अंतिम तारीख 31 मई तय की गई है। टीम डायरेक्टर के तौर पर रवि शास्त्री के कार्यकाल खत्म होने के बाद कुंबले को टीम का कोच नियुक्त किया गया था।
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दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के जीवन पर बनी फिल्म ‘सचिन अ बिलियन ड्रीम्स’ शुक्रवार यानी 26 मई को रिलीज हो रही है। इस फिल्म का सचिन के फैंस को बेसब्री से इंतज़ार है। फैंस के साथ टीम इंडिया के खिलाड़ी भी इस फिल्म को देखने के लिए बहुत दिनों से उत्साहित थे। उनकी ये उत्सुकता उस समय जा कर समाप्त हुई जब उन्होंने ये फिल्म देखी। जी हां, चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इंग्लैंड रवाना होने से पहले ख़ास टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए मुंबई में सचिन की फिल्म की स्क्रीनिंग की गई।
इस स्क्रीनिंग के दौरान पूरी भारतीय टीम अपने खिलाड़ियों और टीम मैनेजमेंट के साथ दिखाई दी। इस मौक़े पर धोनी, युवराज और विराट कोहली सहित सभी खिलाड़ी मौजूद रहे लेकिन टीम इंडिया के हेड कोच अनिल कुंबले इस स्क्रीनिंग से नदारद रहे। ये सभी के लिए काफी हैरान करने वाला था। कुंबले और सचिन ने ड्रेसिंग रूम शेयर करते हुए काफी क्रिकेट साथ में खेली है। ऐसे में सभी के मन ये सवाल उठना लाज़मी था कि आख़िर कुंबले इस ख़ास मौक़े पर सचिन को शुभकामनाएं देने क्यों नहीं पहुंचे। -
टीम इंडिया इंग्लैंड में एक जून से होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी खेलने जा रही है। लेकिन उससे पहले भारत के हेड कोच अनिल कुंबले ने बीसीसीआई के सामने अपनी एक बात रख दी है। दरअसल, उन्होंने रविवार को एक प्रतिपादन में बीसीसीआई को सुझाव दे डाला है। इसमें कुंबले ने अनुरोध किया है कि संजय बांगर को टीम इंडिया का सहायक कोच नियुक्त कर देना चाहिए। रविवार को हुई इस प्रस्तुति का शीर्षक “कोचिंग सेट अप : इंडियन क्रिकेट टीम” था। आपको बता दें संजय बांगर इस वक़्त टीम इंडिया के बल्लेबाज़ी कोच हैं।
संजय बांगर को लेकर कुंबले ने बीसीसीआई से कहा “संजय बांगर टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच हैं, मेरे हिसाब से उनको भारतीय टीम का सहायक कोच नियुक्त कर देना चाहिए।” भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ावा देने के मकसद से इस प्रस्तुति का आयोजन किया गया था। इस दौरान भारतीय टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले ने बीसीसीआई को और भी कई सुझाव दिए। लेकिन ख़ास तौर से उन्होंने टीम इंडिया की कोचिंग के मुद्दे पर बात की। -
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-1 की जीत के साथ भारत ने लंबे क्रिकेट सीजन का बेहद सफल अंत किया। ये पूरा सीजन भारतीय टीम के खिलाड़ियों के साथ-साथ कोच अनिल कुंबले के लिए भी बेहद अहम था। बॉर्डर-गावस्कर सीरीज की जीत के साथ ही इस पूर्व दिग्गज गेंदबाज ने भी राहत की सांस ली। कुंबल ने मैच के बाद कहा कि भारतीय टीम ने पूरे सीजन के दौरान अलग-अलग मैदानों पर खेला और हर परिस्थिति के साथ ताल-मेल बैठाया। इसे उन्होंने बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि भारत अब विदेश में भी जीत का दमखम रखता है।
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पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने हाल ही में कहा कि ऑस्ट्रेलियाई मीडिया उनकी क्रिकेट टीम का सपोर्ट स्टाफ है। गावस्कर के इस बयान के मायने समझने के लिए हमें थोड़ा फ्लैशबैक में जाना पड़ेगा। पिछले करीब 15 साल में जब भी भारत-ऑस्ट्रेलिया भिड़ंत हुई है, तो ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भारतीय टीम पर मानसिक दबाव बनाने का कोई मौका नहीं गंवाया। भारतीय टीम के मुख्य खिलाड़ी हमेशा उनके निशाने पर रहे। लेकिन खास निशाने पर रहे भारतीय कप्तान।
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जब क्रिकेट के मैदान पर अनिल कुंबले हो तो 10 विकेट लेना भी कोई…
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जब क्रिकेट के मैदान पर अनिल कुंबले हो तो 10 विकेट लेना भी कोई…
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अंडर 19 वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान विराट कोहली में अब तक हुए बदलाव बेहतरीन रहा है।