आमतौर पर सरकारी घोषणाएं जुमले बनकर ही रह जाती हैं। देश की जनता की तरह खेल जगत भी इससे अछूता नहीं है। खबर है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला रेसलर विनेश और बबीता फोगाट को सरकार द्वारा मुर्रा नस्ल की भैंस देने की घोषणा महज कागजों तक सीमित रह गई है। कागजी रिकॉर्ड में दर्ज भैंसे अभी तक फोगाट बहनों को नहीं मिली है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों मेडल जीतकर देश का मान बढ़ा चुकी विनेश व बबीता फोगाट को हरियाणा राज्य के पशुपालन व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने 27 अगस्त को आयोजित एक सम्मान समारोह में मुर्रा नस्ल की भैंस देने की घोषणा की थी।
चरखी दादरी में रोडवेज विभाग द्वारा आयोजित किये गए इस सम्मान समारोह में मंत्री धनखड़ ने विनेश और बबीता को सम्मानित करते हुए घोषणा की थी कि “सरकारी मुर्रा नस्ल की भैंस का दूध पीकर दोनों बहनें ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतेंगी।” इसके लिए मंत्री ने रोडवेज अधिकारियों से भैंसों की कीमत उपलब्ध करवाने की बात की थी। जानकारी के मुताबिक मुर्रा नस्ल की भैंस की कीमत तक़रीबन 1 लाख से 5 लाख रुपये के बीच होती है। इन भैंसों के दूध उत्पादों का उपभोग पावर स्पोर्टस में किया जाता है।
हरियाणा सरकार की इस अनदेखी के बाद दोनों बहनें मुर्रा नस्ल की सरकारी भैंस का दूध नहीं बल्कि अपने खर्चे पर खरीदी भैंस का दूध पीकर ओलंपिक फतेह करने का सपना संजोए हुए हैं। फिलहाल तो यही कहा जा सकता है कि विनेश और बबीता को मुर्रा नस्ल की सरकारी भैंस मिलने की अभी भी आस है।
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